in this way can you talk to the spirits that have come here?

इस तरह परलोक गई आत्माओं से बात कर सकते हैं आप? – आत्मा का रहस्य | In this way can you talk to the spirits that have come here? – aatma ka rahasya

 

► होने लगती हैं अनहोनी घटनाएं
आत्मा एक उर्जा की तरह होती है जो कभी नहीं नष्ट होती है। यह जिस शरीर में जाती है उस रूप रंग में ढल जाती है। जब तक यह शरीर से बाहर है एक उर्जा के रुप में ब्रह्माण्ड में कहीं मौजूद रहती है।

लेकिन शरीरधारी जीव और अशरीरी आत्मा के बीच संपर्क बनाना कठिन होता है क्योंकि दोनों का अपना अलग अस्तित्व और अपनी सीमाएं हैं। अगर आत्माएं जीवित लोगों की दुनिया में आ जाती हैं या जीवित व्यक्ति आत्माओं की दुनिया में झांकने का प्रयास करते हैं तो यह दोनों के लिए प्रकृति के नियम के विपरीत है।

लेकिन कभी कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि आत्माएं अपनी दुनिया से निकलकर जीवित लोगों की दुनिया में आ जाती है और अनहोनी घटनाएं होने लगती है।

► आत्माओं से बात करने का तरीका
ऐसे दावे किए जाते हैं कि इंसानों ने कुछ ऐसे माध्यम और तरीके खोज निकाले हैं जिनसे आत्माओं की दुनिया से संपर्क किया जा सकता है और आत्माओं से बात की जा सकती है।

यहां ऐसे ही कुछ माध्यमों की चर्चा की जा रही है जिनके विषय में कहा जाता है कि इससे मनुष्य आत्माओं से संपर्क बनाने में सफल होता हैं।

► तीन पैर के टेबल से भूत बुलाने की विधि
इस विधि में एक तिपाए टेबल का इस्तेमाल किया जाता है तो हल्का और गोल होता है। एक पाए के नीचे लकड़ी का एक गुटका रखा जाता है। इसके बाद टेबल को चारों तरफ से घेर कर लोग बैठ जाते हैं। इसके बाद जिस व्यक्ति की आत्मा को बुलाना होता है उनका सभी मिलकर ध्यान करते हैं।

माना जाता है कि जब अपने आप टेबल के पाए खटखटाने लगे तो इसका मतलब है कि आत्मा का आगमन हो चुका है। इसके बाद उनसे प्रश्न किया जाता है और संकेतिक तौर पर टेबल की खटखट से हर प्रश्न मिलने लगता है।

► प्लेनचिट से होती है भूतों से बातें
भूतों से बात करने का एक जरिया है प्लेनचिट। यह एक दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का टुकड़ा होता है। इसमें पीछे की ओर सभी ओर घूमने वाले पहिये लगे होते हैं। इसकी नोक की तरफ एक छेद होता है जिसमें एक पेंसिल लगा दी जाती है।

मेज पर एक सादा कागज रखकर उसके ऊपर इस यंत्र को रखा जाता है। इसके बाद जिस आत्मा को बुलाना होता है उसका एकाग्रता पूर्वक ध्यान किया जाता है।

जैसे ही आत्मा आ जाती है यंत्र अपने आप चलने लगता है। आमतौर पर इस यंत्र से अतृप्त आत्माओं को बुलाया जाता है। यंत्र में लगे पेंसिल से आत्मा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देती है।

► आत्मा शरीर में प्रवेश करके बात करती है
आत्माओं से संपर्क करने का एक माध्यम यह भी है कि इसमें किसी व्यक्ति को माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आत्मा का आवाहन किया जाता है और आत्मा माध्यम के शरीर में प्रवेश करके संवाद करती है।

इसके अलावा एक और विधि है जिसमें प्रयोगकर्ता खुद माध्यम बन जाता है। आवाहन करने पर आत्मा आती है और प्रयोगकर्ता के हाथ में रखी पेंसिल खुद ही कागज पर चलनी शुरु होती है और प्रश्नों के उत्तर देती है।

► भूतों को बुलाने से पहले यह जरुर जान लें
भूतों को बलाने के जितने भी माध्यम हैं। उनके विषय में यह माना जाता है कि इनसे भूत तो जाते हैं लेकिन जाने में कई बार आनाकानी करने लगते हैं।

इसलिए भूतों को बुलाने से पहले इसके जोखिम का भी ध्यान रखें। दूसरी बात यह ध्यान रखें कि अपने पूरे प्रयोग के दौरान अपने अंदर साहस और आत्मविश्वास बनाए रखें।

► आत्मा’ का वजन सिर्फ 21 ग्राम !
इंसानी आत्मा का वजन कितना होता है? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए 10 अप्रैल 1901 को अमेरिका के डॉर्चेस्टर में एक प्रयोग किया गया। डॉ. डंकन मैक डॉगल ने चार अन्य साथी डॉक्टर्स के साथ प्रयोग किया था।

इनमें 5 पुरुष और एक महिला मरीज ऐसे थे जिनकी मौत हो रही थी।इनको खासतौर पर डिजाइन किए गए फेयरबैंक्स वेट स्केल पर रखा गया था। मरीजों की मौत से पहले बेहद सावधानी से उनका वजन लिया गया था। जैसे ही मरीज की जान गई वेइंग स्केल की बीम नीचे गिर गई। इससे पता चला कि उसका वजन करीब तीन चौथाई आउंस कम हो गया है।

ऐसा ही तजुर्बा तीन अन्य मरीजों के मामले में भी हुआ। फिर मशीन खराब हो जाने के कारण बाकी दो को टेस्ट नहीं किया जा सका। साबित ये हुआ कि हमारी आत्मा का वजन 21 ग्राम है। इसके बाद डॉ डंकन ने ऐसा ही प्रयोग 15 कुत्तों पर भी किया। उनका वजन नहीं घटा, इससे निष्कर्ष निकाला कि जानवरों की आत्मा नहीं होती।

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