story of previous birth 3

पूर्वजन्म की कहानी 3 – पुनर्जन्म का रहस्य | Story of previous birth 3 – punarjanm ka rahasya

 

यह घटना अंबाला के श्रीकृष्ण स्वरूप जी के साथ की है । जो एक व्यवसायी हैं । एक दिन दिल्ली आते समय उनकी कार एक ट्रक से जा टकराई थी । कार का हाल इतना बुरा हो गया कि आरी से काट काटकर उन्हें निकाला गया था । तब तक उनकी सांसें हल्की हल्की चल रहीं थी । बीच में एक ऐसा समय आया । जब इलेक्ट्रो कार्डियो ग्राम में ह्रदय की धडकनों की स्थिति बताने वाला पर्दा सीधी सपाट रेखा देने लगा था । यह स्थिति लगभग 4 से 5 मिनट तक रही । और फ़िर सामान्य हो गई । लगभग 6 महीने इन्टेंसिव केयर यूनिट में रहने के बाद जब वह पूर्ण स्वस्थ होकर घर वापस आए । तब उनके आचार विचार में आश्चर्यजनक परिवर्तन आ चुके थे । पहले की शराबखोरी । रासरंग । पार्टियों में आना जाना सब छूट गया । वे देर देर तक कमरे में चुपचाप ध्यानमग्न बैठे रहने लगे । उनके परिवार के सदस्य उनके अंदर आए इस परिवर्तन से हैरान थे । बाद में उन्होंने अपने धनिष्ठ मित्रों को यह रहस्य बताया कि दुर्घटना के पश्चात उन्होंने अनुभव कर लिया कि मृत्यु क्या होती है । उन्होंने अपना अनुभव इस प्रकार बताया – अचानक उनकी देह । उनका अस्तित्व । किसी अंधकार में खो गया है । जहां से निकलने में उन्हें बहुत अधिक छटपटाहट और वेदना हो रही है । अचानक उन्हें ऐसा लगा कि जैसे कोई उन्हें अपनी बांह के स्पर्श से किसी खुले स्थान पर तैराकर ले गया हो । सामने उन्होंने नीली आभा देखी । और नीली आभा से परे हटकर उन्हें एक विचित्र और काली आकृति दिखाई दी । जिसने अपनी मुख मुद्रा को अमरीकी आदिवासी की तरह रंगों और पंखों से सजा रखा था । वह हाथ में भाला तानकर अनजानी और अस्पष्ट सी भाषा में कुछ कह रही थे । और धमका रही थी । या वापस भेजने के संकेत दे रही थी । इसी अवस्था में उन्हें अपनी वायु के समान हल्की देह में पुन: एकदम से गुरूत्वाकर्षण का आभास हुआ । और अचानक वे जीवित हो उठे ।

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