factor of saturn

शनि ग्रह के कारकत्व – शनि ग्रह प्रभाव | Factor of saturn – shani grah prabhaav

 

शनि ग्रह सामान्यतया जिन वस्तुओं का कारक है वे हैं : जड़ता, आलस्य, रुकावट, घोड़ा, हाथी, चमड़ा, बहुत कष्ट, रोग, विरोध, दुःख, मरण, दासी, गधा, अथवा खच्चर, चांडाल, विकृत अंगों वाले व्यक्ति, वनों में भ्रमण करने वाले, डरावनी सूरत, दान, स्वामी, आयु, नपुंसक, दासता का कर्म, अधार्मिक कृत्य, पौरुषहीन, मिथ्या, भाषण, वृद्धावस्था, नसें, परिश्रम, नीच जन्मा, गन्दा कपड़ा, घर, बुरे विचार, दुष्ट व्यक्तियों से मित्रता, काला गन्दा रंग, पाप कर्म, क्रूर कर्म, राख, काले धान्य, मणि, लोहा, उदारता, शूद्र, वैश्य, पिता, प्रतिनिधि, दूसरे कुल की विद्या सीखना, लंगड़ापन, उग्र, कम्बल, जिलाने के उपाय, नीचा दिखाना, कृषि द्वारा जीवन-यापन, शस्त्रागार, जाति से बाहर स्थान वाले, नागलोक, पतन, युद्ध, भ्रमण, शल्य विद्या, सीसा धातु, शक्ति का दुरुपयोग, पुराना तेल, लकड़ी, तामस गुण, विष, भूमि पर भ्रमण, कठोरता, डर, अटपटे बाल, सार्वभौम सत्ता, बकरा, भैंस आदि, वस्त्रों से सजाना, यमराज का पुजारी, कुत्ता, चोरी, चित्त की कठोरता आदि। शनि ग्रह जन्मकुंडली, में शुभ स्थिति में हो तो वह व्यक्ति को दीर्घायु, कठोर और लम्बे समय तक परिश्रम करने की क्षमता देने वाला, धनवान, कुशल राजनीतिज्ञ, धार्मिक विचारों वाला, पैतृक सम्पत्ति व वाहनों से युक्त, गंभीर, शत्रुनाशक, आविष्कारक और गुप्त विद्याओं का ज्ञाता बनाता है

Tags: , , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top