pulse astrology introduction

नाड़ी ज्योतिष परिचय – नाड़ी ज्योतिष | Pulse astrology introduction – nadi jyotish

 

► परिचय
भगवान शंकर के गण नदी द्वारा जिस ज्योतिष विधा को जन्म दिया गया उसे नंदी नाड़ी ज्योतिष (Nandi Nadi Astrology) के नाम से जाना जाता है. नंदी नाड़ी ज्योतिष (Nandi Nadi Jyotish) मूल रूप से दक्षिण भारत में अधिक लोकप्रिय और प्रचलित है. इस ज्योतिष विधा में ताल पत्र (Nandi Nadi Jyotish interprets writing on the Tada Patra) पर लिखे भविष्य के द्वारा ज्योतिषशास्त्री फल कथन करते हैं. ज्योतिष की यह एक अनूठी शैली है.

विश्व की सबसे विश्वसनीय ज्योतिषी पद्धति नाड़ी ज्योतिष है। यह दो हजार वर्ष पुरानी पद्धति है, मनुष्य के अतीत, वर्तमान तथा भविष्य के संदर्भ में पुख्ता जानकारी प्रदान करती है। विश्व गुरु भारत के तमिलनाडू में श्री अगस्त ऋषि द्वारा तैयार नाडी ज्योंतिष के लिखेे शिलालेख हैं। ताड़ के पत्तों पर खास लिपी में लिखे लेख मिलते हैं।

हजारों साल पहले, संतों ने अतीत व ब्रह्मांड के भविष्य को देखने जानने के लिए तप किया और यह शक्ति प्राप्त की। इससे जीवित मानव के जीवन दर्ज किए। समय के साथ साथ निष्कर्षों को तमिल लिपि में कलमबद्ध किया। वर्तमान इसका व्यख्यान करने के लिए विशेषज्ञ नाड़ी ज्योतिषी हैं। 2000 साल पहले दक्षिण भारत स्थित तमिलनाडु में यह व्याख्या ताड़ के पत्तों पर प्रलेखित की गई।

तमिल में नाड़ी का अर्थ की खोज में है। क्योंकि एक व्यक्ति इस प्रणाली को अपनी भविष्यवाणियों की तलाश में चला जाता है। इस कारण, नाड़ी ज्योतिष नाम से बुलाया जाने लगा। ताड़ का पत्ता शिलालेख, नाड़ी रूप में जाना जाने वाला नाड़ी शास्त्र, भारत में फैले हुए हैं।

ताड़ का पत्तो शिलालेखों का लेखन किया गया है। तमिलनाडु में उपलब्ध नाड़ी को मानकीकृत, का आदेश दिया गया और करीब दो हजार साल पहले तमिलनाडु में दक्षिण भारत में चोला के शासनकाल के दौरान वर्गीकृत किया गया। वहाँ नाड़ी की संख्या, ताड़ का पत्ता उपलब्ध शिलालेख के आधार पर ऋषि जो एक ही रचना पर कार्य कर रहे हंै।

पृथ्वी पर लोगों के अंगूठे 108 श्रेणियों में वर्गीकृत किए गए हैं। नाड़ी, ताड़ का पत्ता शिलालेख इन श्रेणियों की व्यवस्था के अनुसार कर रहे हैं। नाड़ी पाठकों ने अंगूठे और ताड़ के पत्तों की इसी सेट पर विधा की विशेष श्रेणी की पहचान कर रहे हैं। पत्ता अंगूठे के निशान की पहचान पर निर्भर करता है। कुछ छापों को आसानी से पहचान कर लेते हैं जिनके पत्ते जल्द ही मिल जाते हैं।

पत्ते न केवल भारतीय नागरिकों के लिए बल्कि विदेशियों और अन्य नागरिकों के अन्य धर्मों के लिए भी हैं। सभी के भाग्य की पहचान पत्ती और संबंधित व्यक्ति के भविष्यवाणियों के बारे जा सकते हैं। यह ज्ञान अद्भूत है। आप अपना भूत भविष्य और वर्तमान जान पाएंगे।

► नाड़ी ज्योतिष की विधि
नाड़ी ज्योतिष विधि से जब आप अपना भविष्य जानने के लिए के लिए ज्योतिषशास्त्री के पास जाते हैं तब सबसे पहले पुरूष से उनके दायें हाथ के अंगूठे का निशान और महिलाओं से बाएं हाथ के अंगूठे का निशान लेते हैं. इसके बाद कुछ ताड़पत्र आपके सामने रखा जाता है और आपसे नाम का पहला और अंतिम शब्द पूछा जाता है. आपके नाम से जिस जिस ताड़पत्र का मिलाप होता है उससे कुछ अन्य प्रश्न और माता पिता अथवा पत्नी के नाम का मिलाप किया जाता है. जिस ताड़पत्र से मिलाप होता है उसे ज्योतिषशास्त्री पढ़कर आपका भविष्य कथन करते हैं.

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