मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव

satisa puja aur shanti homa

सतीसा पूजा और शांति होम | satisa puja aur shanti homa

सतीसा पूजा और शांति होमा – यदि किसी व्यक्ति का जन्म सतीसा पूजा और शांति होमा के रूप में हुआ हो तो इस पूजा को करना चाहिए। इस पूजा के दौरान, संबंधित नक्षत्र के 11,000 मंत्र पढ़े जाते हैं, सत्ताईस अलग-अलग स्थानों से पानी एकत्र किया जाता है और सत्ताईस विभिन्न पौधों की पत्तियों को […]

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mool nakshatra mantra

मूल नक्षत्र मंत्र – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original Star spells – mool nakshatra mantra

ऊँ मातवे पुत्र पृथ्वी पुरीत्यमग्नि पूवेतो नावं मासवातां विश्वे र्देवेर ऋतुभि: सं विद्वान प्रजापति विश्वकर्मा विमन्चतु॥ मूल नक्षत्र का बडा मंत्र यह है,इसके बाद छोटा मंत्र इस प्रकार से है:- ऊँ एष ते निऋते। भागस्तं जुषुस्व। mool nakshatra mantra – मूल नक्षत्र मंत्र – मूल नक्षत्र मंत्र – Original Star spells  

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jyeshtha nakshatr ka mantr

ज्येष्ठा नक्षत्र का मंत्र – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Jyeshtha constellation of spells – jyeshtha nakshatr ka mantr

ऊँ सं इषहस्त: सनिषांगिर्भिर्क्वशीस सृष्टा सयुयऽइन्द्रोगणेन। सं सृष्टजित्सोमया शुद्धर्युध धन्वाप्रतिहिताभिरस्ता। jyeshtha nakshatr ka mantr – ज्येष्ठा नक्षत्र का मंत्र – ज्येष्ठा नक्षत्र का मंत्र – Jyeshtha constellation of spells  

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mool nakshatr aashlesha mantr

आश्लेषा मंत्र – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Ashlesha spells – mool nakshatr aashlesha mantr

ऊँ नमोऽर्स्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथ्वीमनु। ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्य: सर्पेभ्यो नम:॥ mool nakshatr aashlesha mantr – मूल नक्षत्र आश्लेषा मंत्र – आश्लेषा मंत्र – Ashlesha spells  

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mool shaanti kee saamagree

मूल शांति की सामग्री – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original peace Materials – mool shaanti kee saamagree

घडा एक,करवा एक,सरवा एक,पांच प्रकार के रंग,नारियल एक,५०सुपारी,दूब,कुशा,बतासे,इन्द्र जौ,भोजपत्र,धूप,कपूर आटा चावल २ गमछे, दो गज लाल कपडा चंदोवे के लिये, मेवा ५० ग्राम, पेडा ५० ग्राम, बूरा ५० ग्राम,केला चार,माला दो,२७ खेडों की लकडी, २७ वृक्षों के अलग अलग पत्ते,२७ कुंओ का पानी,गंगाजल यमुना जल,हरनन्द का जल,समुद्र का जल अथवा समुद्र फ़ेन,आम के पत्ते,पांच रत्न,पंच

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mool nakshatr havan saamagree

हवन सामग्री – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – incense burner – mool nakshatr havan saamagree

चावल एक भाग,घी दो भाग बूरा दो भाग, जौ तीन भाग, तिल चार भाग,इसके अतिरिक्त मेवा अष्टगंध इन्द्र जौ,भोजपत्र मधु कपूर आदि। एक लाख मंत्र के एक सेर हवन सामग्री की जरूरत होती है,यदि कम मात्रा में जपना हो तो कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिये। mool nakshatr havan saamagree – मूल नक्षत्र हवन सामग्री

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mool sangyak nakshatr aur unaka prabhaav

मूल संज्ञक नक्षत्र और उनका प्रभाव – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Original nounal constellation and their effects – mool sangyak nakshatr aur unaka prabhaav

ज्येष्ठा आश्लेषा और रेवती,मूल मघा और अश्विनी यह नक्षत्र मूल नक्षत्र कहलाये जाते है,इन नक्षत्रों के अन्दर पैदा होने वाला जातक किसी न किसी प्रकार से पीडित होता है,ज्येष्ठा के मामले में कहा जाता है,कि अगर इन नक्षत्र को शांत नही करवाया गया तो यह जातक को तुरत सात महिने के अन्दर से दुष्प्रभाव देना

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mool nakshatr abhukt mool vichaar

अभुक्त मूल विचार – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Unpaid basic idea – mool nakshatr abhukt mool vichaar

ज्येष्ठा नक्षत्र की अन्त की दो घडी तथा मूल नक्षत्र की आदि की दो घडी अभुक्त मूल कहलाती है,लेकिन यह बातें तब मानी जाती थीं,जब जातक के माता पिता पहले से ही धर्म कार्यों के अन्दर खुद को लगा कर रखते थे,मगर आज के जमाने में सभी भौतिक कारणों से और सब कुछ पोंगा पंडित

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mool shaanti ke upaay

मूल शांति के उपाय – मूल नक्षत्र और उनके प्रभाव – Measure the original peace – mool shaanti ke upaay

ज्येष्ठा मूल या अश्विनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक के लिये नीचे लिखे मंत्रों का जाप २८००० जाप करवाने चाहिये,और २८वें दिन जब वही नक्षत्र आये तो मूल शान्ति का प्रयोजन करना चाहिये,जिस मन्त्र का जाप किया जावे उसका दशांश हवन करवाना चाहिये,और २८ ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिये,बिना मूल शांति करवाये मूल नक्षत्रों

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