बौद्ध गुरु दलाईलामा जन्म-जन्म से अपने संप्रदाय से जुड़े हुए हैं। बौद्धावतार की श्रृंखला में आज भी उनकी पूजा तिब्बती नागरिक देवता के रूप में करते हैं। ऐसी मान्यता है कि उन्हें अपने पिछले जन्म और अगले जन्म का पूरा ही वृतान्त याद है। पिछले जन्म में वे कहां पैदा हुए थे और इस शरीर को त्यागने के बाद उनका अगला जन्म कहां होगा वह शरीर त्यागने से पहले ही अपने शिष्यों को यह बात बता देते है कि अब वह कहां पैदा होंगे|
यदि हम अपने वर्तमान में भी आसपास की बातों पर नज़र डाले तो ऐसी कई घटनाऐं हमारे सामने आ जायेंगी तो आये दिन समाचार पत्र व न्यूज़ चैनल की सुर्खिया बनती रहती है| आईये गौर करते है ऐसी ही कुछ घटनाओं पर|
राजस्थान का हनुमानगढ़:- यहां रहने वाला सात साल का अवतार ने, न सिर्फ विज्ञान को बल्कि कानून के जानकारों के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। बच्चे का दावा है कि उसका पुनर्जन्म हुआ है और वो अपने उन कातिलों को जानता है जिन्होंने सात साल पहले बेरहमी से उसकी हत्या कर दी थी| उसकी इन बातों से परेशान होकर एक दिन अवतार के पिता चरण सिंह ने फैसला किया कि वो अपने बच्चे को उस जगह लेकर जाएगें जिसका वो हमेशा जिक्र करता रहता था|
पंजाब के फिरोजपुर जिले में अबोहर पहुंचते ही सात साल के बच्चे के दिमाग में अजीबगरीब हलचल होने लगी। सात साल पहले वो जिन रास्तों से गुजरता था वो उसे एक एक कर याद आने लगे। सैकड़ों चेहरे, दरों दीवार, चौक-चौराहे सब याद आने लगे। सात साल का लड़का अपने पिता को खींचता हुआ आगे बढ़ रहा था। चरण सिंह एक पल के लिए हैरान रह गए। अवतार एक घर के सामने खड़ा था। उसने इशारा किया, यही है मेरा घर। उस घर में मौजूद लोगों अवतार को नहीं पहचान पाये लेकिन उसने उन सब लोगों को एक – एक कर पहचान लिया|