* सीता राम की तस्वीर या मूर्ति के सामने रामचरित मानस की निम्न चैपाई की प्रतिदिन एक तुलसी माला जाप 41 दिनों तक करनी चाहिये। ‘‘सुनिसिय सत्य असीस हमारी। पूजहिं मन कामना तिहारी।।
* पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ करते हुये प्रतिदिन प्रातः या सायं तुलसी पौधे के पास शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित कर लगातार 41 दिनों तक निम्न मंत्र का एक तुलसी माला जप करें। ‘‘तब जनक पाय वशिष्ठ आयसु ब्याह साजी संवारी के। मांडवी श्रुति की रति उर्मिला कुंआरी लई हंकारि के।।’’
* प्रतिदिन या प्रत्येक मंगलवार को प्रातः उठते ही कन्या काले कीडे़-मकोड़ां को चीनी, तिल एवं चावल मिलाकर नियमित खिलायें। क्रम टूटना नहीं चाहिये।
* प्रतिदिन गाय को हरा पालक या चारा खिलायें।
* कच्चा दूध व जल मिलाकर प्रतिदिन : ऊँ’’ नमः शिवाय’’ का जाप करते हुये शिवलिंग पर चढ़ायें। – मंदिर के प्रांगण में अनार का पेड़ लगाकर प्रतिदिन इसे जल से सींचें। सेवा कर बड़ा करें।
* किसी आदमी की शादी में परेशानी हो तो उसे शुक्ल पक्ष के प्रत्येक गुरुवार को पानी में एक चुटकी हल्दी पाउडर मिलाकर नहाना चाहिये तथा साथ ही ‘‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’’ का जाप करते हुये केसर का तिलक लगाना चाहिये। इसके अलावा पीपल एवं केले के पेड़ में तांबे या पीतल के लोटे में शुद्ध जल लेकर इन्हें सींचना चाहिए तथा धूप-दीप, हल्दी गांठ, चने की दाल से पूजा करनी चाहिए। गुरुवार को केले नहीं खायें। र्साईं राम (शिरडी के बाबा) के दर्शन कर आशीर्वाद लें। विवाह जल्दी होगा।
* शुक्ल पक्ष मंगलवार को घर के मंदिर या पूजा स्थल पर ‘नवग्रह मंत्र’ की प्राण प्रतिष्ठा करवाकर स्थापित करें। एक नई शादी वाले जोड़े को घर पर बुलाकर उन्हें खाना एवं सौंफ-मिश्री खिलाकर, लाल वस्त्र उपहार में देकर सत्कार करें। यह कार्य करते समय शीघ्र विवाह की कामना जरूर करें।
* बाल कांड के 234 दोहे के बाद ‘‘जय जय गिरिराज किशोरी से मंजुल मंगल वाम अंग फरकन लगे’’ 236 पृष्ठ तक प्रतिदिन श्रद्धा विश्वास से पढ़ने तथा पार्वती की पूजा करने से शीघ्र विवाह हो जाता है।
* हरसिंगार की जड़ तथा पुष्प को पूर्णिमा की रात्रि में विवाह योग्य पुत्र-पुत्री के ऊपर से 21 दिन 3 बार वार कर तुलसी के पौधे के नीचे दबाने से विवाह विलंब, रूकावट से छुटकारा मिल जाएगा।
* दांपत्य जीवन की मधुरता के लिए पत्नी नियमित रूप से प्रातः उठते ही मुख्यद्वार पर 1 लोटा जल डाले। स्नानादि से निवृत्ति के बाद पूजा करके मुख्य द्वार पर हल्दी या कुंकुम से स्वास्तिक या ऊँ का चिह्न बनाये। इससे दांपत्य जीवन में मधुरता रहेगी तथा पति आर्थिक रूप से मजबूत रहेंगे।
* मांगलिक दोष हो तो लहसुन को 108 भौम मंत्र ऊं अंगारकाय नम!’’ से अभिमंत्रित करके लाल धागों में ताबीज कर कमर या बांह में बांधें।
* शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को सात केले व 700 ग्राम गुड़ व एक जटा वाला नारियल लेकर कन्या नदी में वस्त्र सहित स्नान कर नारियल को जल में प्रवाहित कर दे। ध्यान रखें कि नारियल कन्या की ओर नहीं आये। सूर्य व चंद्र के नाम एक केला व गुड़ नदी किनारे रख दें। 5 केले गाय को खिला दें। कन्या का विवाह शीघ्र होगा।
* पद्मावती देवी के मंदिर में बुधवार को चावल चढ़ाकर 11 बार पद्मावती मंत्र का जाप करें।