शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या किन परिस्थितियों में आरंभ होती है, क्या आप जानते हैं? “शनि साढ़े साती” या “शनि की ढैय्या” की गणना चंद्र राशि के अनुसार अर्थात जन्म के समय जिस राशि में चंद्रमा होता है, उसके अनुसार होती है। जन्म कालिक चंद्र राशि से गोचर भ्रमण के दौरान शनि जब द्वादश भाव में आता है, तो “साढ़े साती” का प्रारंभ हो जाता है। चंद्र राशि तथा चन्द्र राशि से दूसरे भाव में जबतक रहता है तब साढ़े साती बनी रहती है और जब तीसरी राशि में प्रवेश करता है तो साढ़े साती समाप्त हो जाती है। इसी प्रकार जब गोचर का शनि चंद्र राशि से चौथी तथा आठवी राशि में आता है तब “शनि की ढैय्या” प्रारंभ होती है।