जब गोचर का शनि जन्म कालीन चन्द्रमा से बारहवें भाव में आता है तो साढे साती शुरू होती है और जब तक शनि जन्म कालीन चन्द्रमा से तीसरे भाव में नहीं चला जाता तब तक शनि की साढे साती का प्रभाव रहता है। शनि की साढे साती की पूर्ण अवधि 7.5 साल की होती है। क्योखि शनि एक राशि में 2.5 साल रहता है अत: तीन भावों (जन्म कालीन चन्द्रमा से बारहवां भाव, साथ में यानी की पहला भाव और दूसरा भाव) में शनि के विचरण की पूर्ण अवधि 7.5 साल की हो जाती है। इस अवधि को सामन्य तौर पर कष्ट और परेशानी देने वाला माना गया है।