पन्द्रह माह पूर्व सरकण्डा बिलासपुर मे एक सड़क दुर्घटना में मृत 30 वर्षीय युवक के पुनर्जन्म कराने को लेकर उत्तरप्रदेश से आयी एक महिला तांत्रिक द्वारा वाड्रफनगर के ग्राम मढ़ना में भागवत कथा की आयोजन किया जा रहा है महिला तांत्रिक के दावे पर भारी तादाद में ग्रामीण गांव में जुट रहे हैं. खबर होने के बावजूद पुलिस और प्रशासन न तो इस अंधविश्वास को दूर करने कोई पहल कर रहा है और न ही कोई कार्यवाही. वाड्रफनगर पुलिस चौकी के ग्राम मढ़ना में ऐसा अंधविश्वास आम है. बताया जाता है कि अविभाजित म.प्र. के पूर्व शिक्षा मंत्री देवसाय मरावी के गृह ग्राम मढ़ना स्थित निवास के बगल में रहने वाले बच्चा सिंह परिवार का 30 वर्षीय स्व. महेन्द्र सिंह बिलासपुर पुलिस में पदस्थ था और 15 माह पूर्व सरकण्डा के अरपा पुल रेलिंग से टकराकर उसकी मृत्यु होली से तीन दिन पूर्व हो गई थी. मृतक महेन्द्र सिंह को हिन्दू रीति रिवाज के मुताबिक गृह ग्राम मढ़ना ला एरिया नदी तट पर दाह संस्कार किया गया था. घर वालों की मान्यता थी कि अकाल मौत का शिकार उनका पुत्र किसी भी रूप में दुबारा उनके घर में पुर्नजन्म होगा. इसी विश्वास में वे तांत्रिकों के सम्पर्क में रहते थे. वाड्रफनगर सरहद से लगे उप्र के बीजापुर के पास स्थित इंजानी बकरीहवा के महिला तांत्रिक हीरामती ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अगर उसके कहे अनुसार मृतक महेन्द्र सिंह का परिवार पूजा- पाठ के लिए राजी हो जाता है तो वह दस दिनों के भीतर उनके पुत्र को पुनर्जीवित कर साक्षात कर देगी. इस दावे पर विश्वास कर बच्चा सिंह का परिवार ग्राम मढ़ना में 14 से 22 जुलाई तक तांत्रिक हीरमती और उनके दो पुत्रों के देख-रेख में बच्चा सिंह के घर के आंगन में भागवत कथा का आयोजन किया गया है. स्व. महेन्द्र सिंह के पुनर्जन्म के दावे की खबर पर भारी तादाद मे आस-पास के इलाके के ग्रामीण जुट रहे हैं और यज्ञ तथा हवन में शामिल हो रहे हैं. महिला तांत्रिक हीरामति अपने दावे के साथ-साथ चीलम से गांजा पीने की प्रवृत्ति से कौतुहल का विषय बनी हुई है. स्वयं को शिव का भक्त बताने वाली हीरामती दिन भर में 15-20 चीलम गांजा पीती है और उनका एक चेला नियमित चीलम भर कर गांजा देने का काम ही करता है. पुलिस विभाग मेंं पदस्थ स्व. महेन्द्र सिंह के दो पुत्रियां हैं जिनमें एक दस वर्ष एवं एक सात वर्ष की. विभाग द्वारा उनकी पत्नी को अनुकम्पा नियुक्ति की प्रक्रिया चल नही है. घर में परिवार के सभी सदस्य पढेÞ लिखे और अच्छे पदों पर पदस्थ है. मृतक के बड़े पिता नाहर सिंह का कहना है कि तांत्रिक का दावा है कि किसी न किसी रूप में मृतक सशरीर यज्ञ कुंड से बाहर आयेगा. उन्हें इसका भरोसा नहीं है, मगर परिवार वाले उम्मीद के आधार पर पूजा-पाठ कर रहे हैं. घर में मृतक महेन्द्र सिंह की वापसी की उम्मीद पर बकायदा गद्दा, पलंग और उसके जरूरत की सभी सामग्री क्रय कर रखा गया है ताकि पुनर्जन्म पर उसका उपभोग हो सके.