– आकाश मण्डल में बहुत से ग्रह हैं मगर ज्योतिष शास्त्र में सात ग्रह व दो छाया ग्रहों का ही उल्लेख मिलता है और यही ग्रह हमारे जीवन को जन्म लग्न की स्थितिनुसार फल देते हैं। मान्यता है कि किसी भी जातक का जीवन नव ग्रहों के शुभ और अशुभ फलों के प्रभाव पर ही निर्भर करता है। कुंडली में नव ग्रहों की स्थिति के अनुरूप ही मानव जीवन में आने वाले सुख-दुख, खुशी-गम, सफलता-असफलता देते हैं। क्या वास्तव में सभी ग्रह हमारी राशि के अनुसार फल प्रदान करते हैं?
– इस संसार में हरेक वस्तु चाहे वह ग्रह हो, पेड़-पौधे हो, मानव हो, खनिज तत्व हो। सब अपनी-अपनी तरंगों से एक-दूसरे को प्रभावित कर रहे हैं। हम निश्चय रूप से केवल नवग्रहों से ही नहीं संपूर्ण तारामंडल से प्रभावित होते हैं नवग्रह तो ब्रह्मांड का कुछ प्रतिशत हिस्सा भी नहीं है। तो क्या ये सब हमारे भविष्य को प्रभावित करते हैं, र्निमित करते हैं ?
– अगर आपकी शारीरिक-मानसिक क्षमताएं अपनी गलत धारणाओं और आहार-विहार से कमजोर हो गई है तो आप निश्चय ही इससे प्रभावित होते हैं। क्या ग्रहों के प्रभाव से बच सकते हैं ?
– हम सभी जानते हैं कि जब हम कमजोर होते हैं तो गर्मी, सर्दी, बरसात, कोलाहल हल्की आवाजें भी हमसे सहन नहीं होती। जब हम मजबूत होते हैं तो इन सब को लंबे समय तक झेल सकते हैं। अगर आप प्राकृतिक आहार-विहार, योग-ध्यान, रेकी, तनाव रहित जीवन से या सकारात्मक धारणाओं से अपने आपको सशक्त रखते हैं तो ग्रहों के कोई भी प्रभाव आपको विचलित नहीं करते आपको पता भी नहीं चलता कि कौन-सा ग्रह कब आया और कब गया, कौन सा मौसम कब आया कब गया, क्योंकि आपके अपने शरीर मन में कोई परिवर्तन नहीं आता।