dakshin bhaarateey paddhati

दक्षिण भारतीय पद्धति – बारहवां दिन – Day 12 – 21 Din me kundli padhna sikhe – dakshin bhaarateey paddhati – Barahavaan Din

दक्षिण भारतीय पद्धति में प्रचलित कुंडली में राशियाँ स्थिर रहती है और भाव बदल जाते हैं। पूरी कुंडली में लग्न भाव कहीं भी आ सकता है जबकि उत्तर भारतीय पद्धति में ऎसा नहीं है। दोनो की कुंडली बनाने का तरीका भी भिन्न होता है। जिस भाव में लग्न राशि आती है उसे दो तिरछी रेखाएँ खींचकर चिन्हित कर दिया जाता है। लग्न को पहला भाव मानते हैं और बाकी भाव दाईं ओर आते हैं। इस पद्धति में राशि स्थिर होती है, इसलिए राशि संख्या को कुंडली में दिखाया नहीं जाता है।

दक्षिण भारतीय पद्धति – dakshin bhaarateey paddhati – बारहवां दिन – Day 12 – 21 Din me kundli padhna sikhe – Barahavaan Din

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