अब यदि भाग्य ही सब कुछ है तो संजोग क्या चीज है । यदि जोड़ियाँ स्वर्ग में बनती हैं तो कुंडली क्यों मिलाएं । किस पर विश्वास करें और किस पर नहीं । टीवी पर आने वाले ज्योतिषाचार्यों की फीस भी हर कोई खर्च नहीं कर सकता । अब रिश्ता भी एक बार देखकर तो किया नहीं जाता । हो सकता है कि एक ही महीने में कई जगह कुंडली मिलानी पड़े तो इस स्थिति में बार बार ज्योतिषी के दरवाजे खटखटाना भी हर कोई नहीं चाहता ।
स्वर्ग में बनने वाली जोड़ियाँ कुछ ऐसी भी होती हैं जो जल्दी टूट जाती हैं । इसलिए भाग्य के भरोसे वर वधु को छोड़ने से पहले जन्मकुंडली मिलान आवश्यक है । रिश्ता टूटने के बाद भी लोग ज्योतिषी के पास जाते देखे गए हैं ।