– महिलाओं का जीवन उनके पति बच्चों और घर -गृहस्थी में सिमटा होता है। जन्म कुंडली में बृहस्पति खराब हो तो वह महिला को स्वार्थी, लोभी और क्रूर विचार धारा की बना देता है। दाम्पत्य जीवन में दुखों का समावेश होता है और संतान की ओर से भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पेट और आंतों के रोग हो जाते हैं। अगर जन्म- कुंडली में बृहस्पति शुभ प्रभाव दे तो महिला धार्मिक, न्याय प्रिय, ज्ञानवान, पति प्रिया और उत्तम संतान वाली होती है। ऐसी महिलाएं विद्वान होने के साथ -साथ बेहद विनम्र भी होती है।
– कुछ कुंडलियों में बृहस्पति शुभ होने पर भी उग्र रूप धारण कर लेता है तो स्त्री में विनम्रता की जगह अहंकार भर जाता है। वह अपने समक्ष सभी को तुच्छ समझती है क्योंकि बृहस्पति के शुभ होने पर उसमें ज्ञान की सीमा नहीं रहती। वह सिर्फ अपनी ही बात पर विश्वास करती है।अपने इसी व्यवहार के कारण वह घर और आस-पास के वातावरण से कटने लगती है और धीरे- धीरे अवसाद की और घिरने लग जाती है क्योंकि उसे खुद ही मालूम नहीं होता की उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है
– यही अहंकार उस में मोटापे का कारण भी बन जाता है। वैसे तो अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभाव से भी मोटापा आता है मगर बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से मोटापा अलग ही पहचान में आता है यह शरीर में थुल थूला पन अधिक लाता है क्योंकि की बृहस्पति शरीर में मेद कारक भी है तो मोटापा आना स्वाभाविक ही है।
– कमजोर बृहस्पति हो तो पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है मगर किसी ज्योतिष की राय ले कर। गुरुवार का व्रत करें, सोने का धारण करें,पीले रंग के वस्त्र पहनें और पीले भोजन का ही सेवन करें। एक चपाती पर एक चुटकी हल्दी लगाकर खाने से भी बृहस्पति अनुकूल होता है।
– उग्र बृहस्पति को शांत करने के लिए बृहस्पति वार का व्रत करना, पीले रंग और पीले रंग के भोजन से परहेज करना चाहिए बल्कि उसका दान करना चाहिए। केले के वृक्ष की पूजा करें और विष्णु भगवान् को केले का भोग लगाएं और छोटे बच्चों, मंदिरों में केले का दान और गाय को केला खिलाना चाहिए।
– अगर दाम्पत्य जीवन कष्टमय हो तो हर बृहस्पति वार को एक चपाती पर आटे की लोई में थोड़ी सी हल्दी ,देसी घी और चने की दाल (सभी एक चुटकी मात्र ही) रख कर गाय को खिलाएं। कई बार पति-पत्नी अगल -अलग जगह नौकरी करते हैं और चाह कर भी एक जगह नहीं रह पाते तो पति -पत्नी दोनों को ही बृहस्पति को चपाती पर गुड की डली रख कर गाय को खिलानी चाहिए और सबसे बड़ी बात यह के झूठ से जितना परहेज किया जाय, बुजुर्गों और अपने गुरु,शिक्षकों के प्रति जितना सम्मान किया जायेगा उतना ही बृहस्पति अनुकूल होता जायेगा।