अगर आप केतु की महादशा से पीड़ित हैं तो इसके उपचार के लिए लकड़ी केक चार टुकड़े चार दिन तक बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए। कन्याओं को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करना चाहिए। ग़रीब अथवा ब्रह्मणों को कम्बल दान करना चाहिए। प्रतिदिन गणेश जी पूजा करनी चाहिए और गणपति जी को लड्डू का भोग लगाना चाहिए। बहते जल में कोयले के 21 टुकड़े प्रवाहित करना चाहिए। दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में लहसुनियां चांदी में धारण करना चाहिए।