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पसीना – घरेलू उपचार – paseena – gharelu upchar

परिचय :-

शरीर से पसीना निकलना एक स्वभाविक क्रिया है क्योंकि शरीर से पसीने के द्वारा अन्दर बनने वाली गन्दगी बाहर निकलती है और शरीर में स्वच्छ वायु को पहुंचाती है। शरीर से पसीना न निकलने पर या किसी कारण से पसीना रुक जाने पर शरीर में कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। अत: शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए पसीना आना अत्यन्त आवश्यक है परन्तु कभी-कभी आवश्यकता से अधिक मात्रा में तथा बिना किसी कारण से ही शरीर से पसीना निकलने लगता है। ऐसे में रोगी को ठीक करने के लिए होमियोपैथिक चिकित्सा में पसीना निकलने के विभिन्न लक्षणों के आधार पर औषधि को प्रयोग करने के लिए बताया गया है।

रोग और उसमें प्रयोग की जाने वाली औषधियां :-

  • यदि आंख बन्द करने पर पसीना आता हो तो ब्रायो, कोना या लैके औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
  • शरीर में कंपकंपी के कारण पसीना आने पर नक्स-वोम औषधि का प्रयोग करें।
  • सिर को छोड़कर अन्य सभी खुले हुए अंगों में पसीना आना। ऐसे लक्षणों में रोगी को थूजा औषधि देनी चाहिए।
  • यदि किसी कारण के ही चेहरे पर पसीना अधिक आता हो तो ऐसे में रोगी को रस-टा या सिकेल औषधि का प्रयोग करना रोग में हितकारी होता है।
  • यदि रोगी को जागते रहने पर पसीना आता हो तो ऐसे लक्षणों में सैम्ब्यू औषधि का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
  • यदि रोगी के ढके हुए अंगों पर अधिक पसीना आता हो तो रोगी को ऐकोन, बेल, कैमो या चायना आदि औषधि लेनी चाहिए।
  • रोग में अधिक पसीना आना तथा पसीना आने से रोग में आराम मिलना आदि लक्षण वाले रोगी को नेट्रम-म्यू, सोरि या वेरेट्र औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
  • यदि रोग होने के कारण रोगी के शरीर से अधिक पसीना आता हो परन्तु रोगी को इससे कोई आराम नहीं मिलता हो तो ऐसे लक्षणों में मर्क औषधि का प्रयोग करना रोगी के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है।
  • यदि रोगी के शरीर के बाईं तरफ अधिक पसीना आने पर नक्स-वोम, पेट्रो, पल्स या थूजा का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
  • शरीर के दाई तरफ अधिक पसीना आने पर रोगी को फास या पल्स औषधि देनी चाहिए।
  • यदि रोगी जिस करवट लेटता है उसी ओर अधिक पसीना आता है। इस तरह के लक्षणों से ग्रस्त रोगी को एकोन, ब्रायो, बेल, चिनि-स, चायना, नाइट्र-ऐ, नक्स-वो, पल्स या जिंक औषधि का प्रयोग करना अधिक लाभकारी होता है।
  • जिस करवट रोगी लेटता हो उस करवट पसीना न आकर उसके विपरित करवट में पसीना आने पर रोगी को बेन्जा-ऐ, सैनिक्यू या थूजा औषधि का प्रयोग करना चाहिए।
  • यदि नींद आने पर रोगी को पसीना अधिक आता हो तो ऐसे लक्षणों में रोगी को चायना या कोना औषधि का प्रयोग करना चाहिए।

पसीना – paseena – घरेलू उपचार – gharelu upchar

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