जब भी मित्र ही शत्रु बन जाये तो हमारा हाल बड़ा गंदा होता है,या कोई भाई पहेले से ही शत्रु होता है,हमे तकलीफ देता है,कोई हमारे पैसे डुबो देता है,तो कोई शत्रु मानसिक,शारीरिक तकलीफ़े देता है तो येसे समय मे आप माँ भगवती जी के मंदिर जाइए और माँ से कामना कीजिये,उसी मंदिर या घर मे बैठकर स्फटिक माले ११ माला मंत्र जाप रोज कीजिये तब मंत्र जाप कीजिये के आपका शत्रु शत्रुत्व भूलने जाये,और मंत्र जाप के बाद लाल रंग के पुष्प भगवती जी के चरणोमे मे चढ़ा दीजिये,वैसे तो एक ही दिन के मंत्र जाप से कार्य पूर्ण हो जाता ही है,परंतु समय लगा तो ७ दिन के जाप से तो अवश्य ही कार्य पूर्ण हो जायेगा,कार्य पूर्ण होने के बाद पीली सरसो से १०८ आहुती हवन मे डे ही दीजिये ताकि पुनः घात न हो………
मंत्र
॥ ॐ चामुंडे कुर्यम दंडे अमुक हृदय मम हृदयं मध्ये प्रवेशाय प्रवेशाय प्रवेशाय स्वाहा ॥