गुड़ोदक (पानी में गुड़ घोलकर) से चार सौ चवालीस (444) तर्पण नित्य करें।
जप के आदि या अंत में गुरु मंत्र की एक-एक माला करें तथा गुरु का पूजन दक्षिणा इत्यादि देकर संतुष्ट करें तो सिद्धि निश्चय ही मिलेगी।
त्रिमधु (घी-शहद-शकर) में अपूप मिलाकर हवन करने से वशीकरण होता है। नारियल से हवन करने से श्री को प्राप्त कर सकते हैं।
मधु में कुछ मात्रा में लवण (नमक) मिलाकर हवन करने से स्त्रियों को वश में किया जा सकता है। गणेश पूजन अनिवार्य है।
गणेश प्रतिमा या गणेश यंत्र का पूजन तथा अभिषेक अथर्वशीर्ष से करने से मनोभिलाषित पदार्थ पाए जा सकते हैं।
अपने नक्षत्र की लकड़ी की प्रतिमा बनाकर पूजन करने से ग्रहों की खराब दशाओं को समाप्त कर सकते हैं।