इन्द्रजाल एक अमूल्य वस्तु है, इसे प्राप्त करना दुर्लभ है। यह एक समुद्री पौधा है जिसमें पत्ती नहीं होती। इन्द्रजाल की महिमा डामरतंत्र, विश्वसार , रावणसंहिता, आदि ग्रंथों में पाई जाती है। इसे विधिपूर्वक प्रतिष्ठा करके साफ कपड़े में लपेटकर पूजा घर में रखने से अनेक प्रकार के लाभ होते हैं। इसमें चमत्कारी गुण होते हैं।
जिस घर में इन्द्रजाल होता है। वहां भूत-प्रेत, जादू – टोने का प्रभाव नहीं पड़ता और इसकी पूजा व उपासना करने से घर में हमेशा शान्ति बनी रहती है। घर में बरकत और लक्ष्मी की बचत होती है। इसे रोज पुष्प, अक्षत, आदि चढ़ाने से इसकी देवशक्ति में वृद्धि होती है।इन्द्रजाल का नित्य पंचोपचार पूजा और दर्शन करने से मानसिक और शारीरिक शान्ति मिलती है। इसके पूजा स्थल पर होने से घर में किसी तरह की बुरी नजर का प्रभाव नहीं पड़ता है। इसकी लकड़ी भूत-प्रेत से बाधित लोगों पर से उनका प्रभाव हट जाता है। इसकी लकड़ी को गले में पहनने से हर तरह की गुप्तशक्तियां स्वप्र में साक्षात्कार करती हैं। इन्द्रजाल के दर्शन मात्र से अनेक बाधाएं दूर होती हैं और हर मनोकामना पूरी होती है।