शास्त्र वचन के अनुसार शुद्ध सुवर्ण या रजत में निर्मित श्री यंत्र के चारों और यदि नवरत्न जड़वा ने पर यह नवरत्न जड़ित श्री यंत्र कहलाता हैं। सभी रत्नो को उसके निश्चित स्थान पर जड़ कर लॉकेट के रूप में धारण करने से व्यक्ति को अनंत एश्वर्य एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होती हैं। व्यक्ति को एसा आभास होता हैं जैसे मां लक्ष्मी उसके साथ हैं। नवग्रह को श्री यंत्र के साथ लगाने से ग्रहों की अशुभ दशा का धारण करने वाले व्यक्ति पर प्रभाव नहीं होता हैं। गले में होने के कारण यंत्र पवित्र रहता हैं एवं स्नान करते समय इस यंत्र पर स्पर्श कर जो जल बिंदु शरीर को लगते हैं, वह गंगा जल के समान पवित्र होता हैं। इस लिये इसे सबसे तेजस्वी एवं फलदायि कहजाता हैं। जैसे अमृत से उत्तम कोई औषधि नहीं, उसी प्रकार लक्ष्मी प्राप्ति के लिये श्री यंत्र से उत्तम कोई यंत्र संसार में नहीं हैं एसा शास्त्रोक्त वचन हैं। इस प्रकार के नवरत्न जड़ित श्री यंत्र गुरूत्व कार्यालय द्वारा शुभ मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठित करके बनावाए जाते हैं।
