मन्त्रः-
“छिति जल पावक गगन समीरा ।
पंच रचित अति अधम सरीरा ।।”
मन्त्र की प्रयोग विधि और लाभः-
इस मन्त्र के १००० जप कुश की माला पर प्रतिदिन करते हुए २१ दिन व्यतीत करें । २१वें दिन बरगद को जल चढ़ाकर धूप दीप करके एक नारियल जल में प्रवाहित कर दें ।
इस मन्त्र के प्रयोग से पंच तत्त्वों का ज्ञान स्पष्ट हो जाता है ।