कौडियां न केवल धन एवं समृद्धि की प्रतीक होती है बल्कि तंत्र – मन्त्र आदि में भी इनके अनेक प्रयोग होते है. यंहा आज कौडियों से सम्बंधित कुछ ऐसे ही प्रयोगों के विषय में जानकारी प्राप्त करने जा रहे है जो कि दीपावली के पावन पर्व पर हमारे लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकती है और कौड़ी के द्वारा हम अपनी मनोकामनाये पूर्ण कर सकने में सक्षम होंगे.
बच्चो को नजर से बचाने के लिए तथा निर्जीव वस्तुओं जैसे घर, वाहनादि को भी बुरी नजर से बचाने के लिए कौडियों का प्रयोग किया जाता है. शास्त्रों में उल्लेख है कि कौड़ी धारण करने से किसी भी प्रकार का जादू टोना, तांत्रिक प्रयोग अभिजात कर्मादि नुक्सान नहीं पहुंचा सकते है. आज भी विवाह के समय वर-वधु के हाथों में कौडियों से बने रक्षासूत्र बाँधने की प्रथा प्रचलित है साथ ही नए वाहन आदि नए मकानों की रक्षा के लिए चौखट पर काले धागे में पिरोकर कौडियां बाँधी जाती है.लक्ष्मी की सहोदरा होने के कारण इसमें लक्ष्मी का निवास माना जाता है. इसलिए दीपावली ले समय लक्ष्मी पूजन के साथ साथ कौडियों का पूजन करने से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती है.
दीपावली के शुभ मुहूर्त में कौडियों को केसर से रंग कर पीले कपड़े में बांधकर पूजा स्थल पर रखें, लक्ष्मी पूजन पूर्ण होने के बाद इन कौडियों को तिजोरी या अलमारी में रखने से उस घर में लक्ष्मी का स्थायी निवास हो जाता है. व्यापारिक स्थल में भी गल्ले अथवा तिजोरी में दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय प्रयुक्त की गयी कौडियों को रखने से व्यापारिक उन्नति होने लगती है.
यदि किसी व्यक्ति को नजर बहुत अधिक लगती है अथवा उसे अपने कार्य क्षेत्र में सफलता नहीं मिल रही हो तो ऐसे व्यक्ति को दीपावली के दिन लक्ष्मी के मन्त्रों से कौडियों को अभिमंत्रित कर पीले धागे में बाँध कर धारण कर लेना चाहिए. एक या दो कौड़ी धारण करे. गले या बाजू में धारण करे, इससे कार्य क्षेत्र में सफलता मिलती है तथा किसी प्रकार की नजर भी नहीं लगती है.
सामान्य रूप से भी दीपावली पूजन में प्रयोग लाई गयी कौडियों को पूजा स्थल में अवश्य रखना चाहिए. इससे घर में धन की कमी नहीं होती, और लक्ष्मी का सदा वास रहता है.
यदि व्यापार में किसी प्रकार की समस्या आ रही हो, तो दीपावली की रात्री को ग्यारह (११) कौडियों को हल्दी अथवा केसर से रंग कर श्री महालक्ष्मी के मन्त्र से पूजा कर व्यापार स्थल में स्थापित कर दें.इससे आपकी व्यापारिक समस्याए समाप्त हो जांएगी. यदि रोजगार प्राप्ति में बाधाएं आ रही हो अथवा नौकरी में उन्नति प्राप्त नहीं हो पा रही हो, तब भी इसी प्रकार का प्रयोग करना चाहिए.
अगर आपकी संतान को बार बार नजर लगती है, तो उसे दीपावली की पूजित कौडियां काले धागे में पिरो कर गले में धारण करवाएं.इससे उसका स्वास्थ तो उत्तम होगा ही साथ ही नजर दोष से भी बचाव होगा.
यदि आप कोई नया वाहन खरीद रहे है तो तीन कौडियों को काले धागे में पिरो कर वाहन में लगाने से किसी भी प्रकार की दुर्घटना की आशंका नहीं रहती है. तथा वह वाहन भी व्यक्ति के लिए शुभफलदायक बना रहता है.
घर बनाने से पूर्व नीव खुदाई के समय उत्तर एवं ईशान दिशा में 21, 21 कौडियां महालक्ष्मी एवं वास्तु देव के मन्त्रों से अभ्मंत्रित कर नींव में डाले तो उस घर में रहने वाले सभी सदस्यों को कभी धन का अभाव नहीं रहता है. तथा वे सभी प्रकार के दोषों से मुक्त रहते है.
इस प्रकार से कौड़ी हमारे धार्मिक, समाजिक, सांस्कृतिक जीवन में पूर्ण रूप सेआबद्ध है. कौडियां न केवल आपके आर्थिक जीवन में उन्नति प्रदान करती है, बल्कि स्वास्थ्य की रक्षा भी करती है.
इसलिए दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के साथ साथ कौडियों का पूजन भी अवश्य करें तो आपके जीवन में सदा बहार तथा धन वैभव की कमी नहीं रहेगी.