लगभग रोज ही कोई न कोई फोन कर या मेसेज कर वशीकरण प्रयोग मांगता रहता है कि किसी लड़की को वश में करना है या लड़के को वश में करना है। कभी बॉस को तो कभी किसी रिश्तेदार को जो गलत फायदा उठा रहा है या उठा चूका है।
अतः यहाँ एक वशीकरण प्रयोग दे रहा हूँ जो बेहद कारगर है और विभिन्न रूपों में प्रयोग किया जा सकता है। इसका असर दीर्घकालिक रहता है अतः एक बार यदि सही से किया गया तो बार बार करने की जरुरत नहीं पड़ती। ये अकेला प्रयोग कईयों के बराबर है।
इसके लिए किसी भी शुभ मुहूर्त , नवरात्री या किसी भी शनिवार को रात्रि 10 बजे के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने और लाल या काले ऊनि आसन का प्रयोग करें। एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं उसपर माता चामुंडा का एक विग्रह या चित्र स्थापित करें। इसके सामने एक प्लेट में छह कोण वाले दो सितारे बनायें जिनके मध्य में एक बिंदी लगायें और उनपर सियार सिंगी की जोड़ी अर्थात नर व मादा सिंगी रखें।
सामने भूमि पर रोली / कुमकुम से एक छह कोण वाला सितारा बनायें और उसके बीच बिंदी लगायें । उसपर एक लोटा जल भरकर रखें व् लोटे के ऊपर तिल के तेल का दीपक स्थापित करें। दीपक में दो लौंग डाल दें। गुग्गुल या चमेली की धुप जलाएं।
अब माता के विग्रह पर एक पुष्प की सहायता से जल के छीटें दें फिर गोरोचन से तिलक कर तिल और अक्षत छिडकें। फिर चमेली या केवड़ा का इत्र माँ के कानों पर लगायें फिर पुष्प और केसर की बर्फी अर्पित करें।
अब सियार सिंगी के पास अपना और जिसका वाशिकरण करना है उसका चित्र रखें। नर सिंगी के साथ स्त्री का और मादा के साथ पुरुष का चित्र रखें। अब दोनों सिंगी की भी इसी प्रकार पूजा करें गोरोचन की बिंदी लगायें इत्र लगायें और मिठाई अर्पित करें। तत्पश्चात हाथ में दो लौंग और दो इलायची लेकर माता से अपनी मनोकामना कहें कि मैं …….. को अपने वश में करना चाहता/ चाहती हूँ और उसके लिए आपका ये अनुष्ठान कर रहा/ रही हूँ और माता के चरणों में अर्पित करें। फिर दो दो लॉन्ग और इलायची हाथ में लेकर सियार सिंगी से कहें की अब तुम मेरे पास हो और मेरे लिए अमुक व्यक्ति को मेरे वश में करो और दोनों सिंगियों पर लौंग व इलायची चढ़ा दें।
अब सिंगी पर किये गए तिलक से ही फोटो पर भी तिलक करें। यदि पुरुष को करना हो तो मादा सिंगी से लेकर पुरुष के चित्र पर तिलक करें और स्त्री को करना हो तो पुरीष सिंगी से लेकर स्त्री के चित्र को तिलक करें।
प्रयोग की जाने वाली वाली वस्तुएं जैसे इत्र और गोरोचन माता के चरणों में ही चौकी पर रखें।
अब काले हकीक़ या रुद्राक्ष की माला से निम्न मंत्र का 5 माला जप करें। इस प्रकार 21 दिन तक 5 माला रोज पूजन व जप करें।
ॐ नमो भगवते रुद्राणी चमुन्डानी घोराणी सर्व पुरुष क्षोभणी सर्व शत्रु विद्रावणी। ॐ आं क्रौम ह्रीं जों ह्रीं मोहय मोहय क्षोभय क्षोभय …………… मम वशी कुरुं वशी कुरुं क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं स्वाहा।
चढ़ाई गयी मिठाई और फूल , अक्षत, तिल को किसी पार्क या पेड़ की जड़ में चीटियों के बिल के आगे डाल दें । अन्य सभी सामग्री को सुरक्षित रखें।
प्रयोग के बाद जो वस्त्र आपने चौकी पे बिछाया था उसी में दोनों सिंगियाँ फोटो समेत लपेट कर हिफाज़त से रख दें। दोनों फोटो का मुख्य भाग एक दुसरे की ओर मुहँ कर रखें। और सिंगियाँ ऊपर से रख दें।
माता को चढ़ाये गए लौंग इलाची, सिंगी पर चढ़ाये लोंग इलायची, और इत्र गोरोचन ।
जिस लोटे पर दीपक रखा था उसमे से तेल की कुछ मात्रा रिस कर लोटे के जल में चली जाती है और ऊपर तैरती है उसे प्रतिदिन किसी चम्मच की सहायता से एक बड़ी कांच की शीशी में एकत्रित कर लें यदि साथ में पानी की भी कुछ मात्रा आ जाये तो कोई बात नहीं, इसमें मंत्र जप पश्चात प्रतिदिन 3 फूंक मारें। 21 दिन के प्रयोग का तेल एकत्रित करने के बाद तेल की मोटि परत ऊपर तेरने लगेगी उसे ही सावधानी पूर्वक एक छोटी शीशी में निकाल लें और पानी किसी फूलदार पौधे की जड़ में डाल दें।
दीपक में डाली गयी लोंग भी जल कर भस्म बन जाएगी सूखी हो या तेल युक्त एक डिब्बी में एकत्र ले। इस तेल और भस्म को भी रोज एकत्रित करते रहें और अगले दिन जप के समय चौकी पे रखें।
21 दिन का प्रयोग पूर्ण होने के पश्चात वह व्यक्ति स्वयं आपसे संपर्क करेगा , आकर मिलेगा या मिलने बुलाएगा। जब तक वो संपर्क न करे या न मिले तब तक एक माला जप नियमित रूप से करते रहें।
इस प्रयोग के साथ आपके पास वशीकरण हेतु निम्न चीजें तैयार होंगी-
1. सिंगी पर चढ़ी लौंग इलायची: इसे पीस के चूर्ण बना लें और जब भी उस व्यक्ति से मुलाकात हो चुप चाप मंत्र जपते हुए उस पर छिड़क दें।
2. माता पर चढ़ाये लौंग इलायची: यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ खाने पिने का मौका मिले तो साबुत या चूर्ण के रूप में उसमे मिला दें जैसे दल सब्जी खीर चाय कोफ़ी पान आदि।
3. ऊपर सिद्ध किया गया तेल जब भी मौका मिले अभीष्ट व्यक्ति के सर में चुपचाप मंत्र पढ़ते हुए लगा दें।
4. जब भी मिलने का मौका हो इत्र लगा के ही उसके सामने जाएँ और उसे भी किसी बहाने से कान या कपड़ों में लगा दें।
5. इसी प्रकार गोरोचन का हो सके तो तिलक कर दें या उसके कपड़ों गर्दन और सर पर छिड़क दें।
सभी चीजों का प्रयोग एक साथ न करें धीरे धीरे क्रमानुसार करें। इस प्रकार दीर्घकालिक असर बना रहेगा।
कुछ ध्यान रखने योग्य बातें:-
1. प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे सियार सिंगी, गोरोचन और इत्र असली होने चाहिए।
2. गोरोचन व् इत्र की मात्रा इतनी होनी चाहिए की पूरे 21 दिन चले व् उसके बाद भी प्रयोग हेतु बचा रहे।
3. सामग्रियों का प्रयोग अभीष्ट व्यक्ति पर उचित मात्रा में करें। बेहद कम प्रयोग करने से असर कम होगा और ज्यादा प्रयोग करने से जल्दी ख़त्म हो जाएँगी।
4. ये प्रयोग उन्ही लोगों पर असर करेगा जिन्हें आप और जो आपको भली भांति जानते हों चाहे मित्र हों या शत्रु। अंजान लोगों पे असर नहीं करेगा।
5. ये प्रयोग बहुत जल्दी जल्दी भिन्न भिन्न लोगों पर करने से आपके दिमाग पर उल्टा असर पड़ेगा जिससे आप चेतना खो सकते हैं।
6. ऊपर लिखे क्रम में करना जरुरी नहीं है किसी भी क्रम में इन वस्तुओं का प्रयोग किया जा सकता है।
7. प्रयोग के बारे में किसी को भी पता न चले विशेषतः उसे जिसपे आप ये कर रहे हैं।
अन्य किसी जानकारी , समस्या समाधान और कुंडली विश्लेषण हेतु संपर्क कर सकते हैं।