अशोक वृक्ष के सात पत्ते मंदिर में रख कर पूजा करें। उनके सूखने पर नए पत्ते रखें और पुराने पत्ते पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। यह क्रिया नियमित रूप से करें, घर भूत-प्रेत बाधा, नजर दोष आदि से मुक्त रहेगा।
एक कटोरी चावल दान करें और गणेश भगवान को एक पूरी सुपारी रोज चढ़ाएं। यह क्रिया एक वर्ष तक करें, नजर दोष व भूत-प्रेत बाधा आदि के कारण बाधित कार्य पूरे होंगे।
इस तरह ये कुछ सरल और प्रभावशाली टोटके हैं, जिनका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता। ध्यान रहे, नजर दोष, भूत-प्रेत बाधा आदि से मुक्ति हेतु टोटके या उपाय ही करवाने चाहिए, टोना नहीं।
भूत-प्रेत बाधाओं, जादू-टोनों आदि के प्रभाव से भले-चंगे लोगों का जीवन भी दुखमय हो जाता है। ज्योतिष तथा शाबर ग्रंथों में इन बाधाओं से मुक्ति के अनेकानेक उपाय उपाय बताए गए हैं।
इस प्रकार की बाधा निवारण करने से पूर्व स्वयं की रक्षा भी आवश्यक हें.इसलिए इन मन्त्रों द्वारा अपनी तथा अपने आसन की सुरक्षा कर व्यवस्थित हो जाएँ…
जब भी हम पूजन आदि धार्मिक कार्य करते हैं वहां आसुरी शक्तियां अवश्य अपना प्रभाव दिखाने का प्रयास करती हैं। उन आसुरी शक्तियों को दूर भगाने के लिए हम मंत्रों का प्रयोग कर सकते हैं। इसे रक्षा विधान कहते हैं। नीचे रक्षा विधान के बारे में संक्षिप्त में लिखा गया है। रक्षा विधान का प्रयोग करने से बुरी शक्तियां धार्मिक कार्य में बाधा नहीं पहुंचाती तथा दूर से ही निकल जाती हैं।
रक्षा विधान- रक्षा विधान का अर्थ है जहाँ हम पूजा कर रहे है वहाँ यदि कोई आसुरी शक्तियाँ, मानसिक विकार आदि हो तो चले जाएं, जिससे पूजा में कोई बाधा उपस्थित न हो। बाएं हाथ में पीली सरसों अथवा चावल लेकर दाहिने हाथ से ढंक दें तथा निम्न मंत्र उच्चारण के पश्चात सभी दिशाओं में उछाल दें।