भूलकर भी बच्चों को गालियां न दें। न ही कोसें। अक्सर माता-पिता बच्चों को उनकी आज्ञा न मानने पर, पढ़ाई न पढ़ने पर कहते है कि तू न ही होता तो अच्छा था, या घर से चला जा, मर ही जाये तो अच्छा था। यह विनाशकारी श्राप भूल से भी न दें। याद रखें 10 आशीर्वादों को मात्र एक श्राप नष्ट कर देता है।