totaka : nange naache paanee barase

टोटका : नंगे नाचे पानी बरसे – चमत्कारिक टोटके – totaka : nange naache paanee barase – chamatkari totke

टोना शत्रु के अनिष्ट के लिए किया जाता है, जब कि टोटका अपने हित के लिए ही किया जाता है. जब किसी को लड़का पैदा नहीं होता या पैदा होकर मर जाता है, कोई अधिक दिन तक बीमार रहता है, किसी का प्रेमी या प्रेमिका रूठ जाती है, किसी के व्यापार या कमाई में वृद्धि नहीं होती–भूत-प्रेत की बाधा रहती है, तो टोटका करके ठीक किया जाता है. टोटका प्राय: रवि, मंगल या शनिवार को किया जाता है. दीपावली के दिन टोटका का विशेष महत्व होता है. उसी दिन `वान मारा’ जाता है. मन्त्र जगाया जाता है तथा अपने इष्ट को सिद्ध किया जाता है.

विश्वास है कि रवि या मंगलवार को उड़द की दाल की खिचड़ी पका कर काले कुत्ते को खिलाने से पुत्र की प्राप्ति होती है. अकाल होने पर गांव की स्त्रियां समुह में नंगी होकर सूखे खेत में हल जोतती हैं और नाचती हैं तो वर्षा होती और अच्छी पैदावार हो जाती है. भोर में उठकर किसी चौराहे पर दीपक जलाकर सिन्दूर पोतकर कच्चा डोरा चढ़ाकर पूजा करने से प्रेत-बाधा समाप्त हो जाती है. प्राय: जो व्यक्ति सर्वप्रथम उसे लांघता है प्रेत-बाधा उसके पास चली जाती है. इसे दूसरे शब्दों में `थोपना’ कहा जाता है. कभी-कभी बरगद या पीपल के वृक्ष में कच्चा डोरा बांधकर भी टोटका किया जाता है. कुंआ तालाब या नदी के तट पर दीपक जलाकर या जल में दीप-दान करके भी अपने घर आयी बाधा दूसरे पर थोपी जाती है. कुछ घरेलू टोटके जो अमूमन इस्तेमाल किये जाते हैं, जैसे:–

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