प्रेम बढ़ाने के लिए मंत्र – लाल किताब के मंत्र – prem badhaane ke liye mantr – lal kitab ke mantra
सव नर करहिं परस्पर प्रीति।चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति॥ प्रेम बढ़ाने के लिए मंत्र – prem badhaane ke liye mantr – लाल किताब के मंत्र
सव नर करहिं परस्पर प्रीति।चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति॥ प्रेम बढ़ाने के लिए मंत्र – prem badhaane ke liye mantr – लाल किताब के मंत्र
राम कृपा अबरेव सुधारी।बिबुध धरि भइ गुनद गोहारी॥ निंदा से निवृत्ति के लिए मंत्र – ninda se nivrutti ke liye mantra – लाल किताब के मंत्र
गुरू गृह पढ़न गये रघुराई।अल्प काल विद्या सब आई॥ विद्या प्राप्ति के लिए मंत्र – vidya praapti ke liye mantr – लाल किताब के मंत्र
जै जै जै गिरिराज किशोरी।जय महेश मुख चन्द्र चकोरी॥ कन्या को मनोवांछित वर के लिए मंत्र – kanya ko manovaanchhit var ke liye mantr – लाल किताब के मंत्र
प्रविसि नगर कीजे सब काजा।ह्रदय राखि कौसल पुर राजा॥ यात्रा की सफलता के लिए मंत्र – yaatra kee saphalata ke liye mantr – लाल किताब के मंत्र