vishvavyaapee vipattiyon ke naash ke liye mantr

विश्वव्यापी विपत्तियों के नाश के लिये मंत्र – लाल किताब के मंत्र – vishvavyaapee vipattiyon ke naash ke liye mantr – lal kitab ke mantra

देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोऽखिलस्य।

प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य॥

अर्थ :- शरणागत की पीडा दूर करनेवाली देवि! हमपर प्रसन्न होओ। सम्पूर्ण जगत् की माता! प्रसन्न होओ। विश्वेश्वरि! विश्व की रक्षा करो। देवि! तुम्हीं चराचर जगत् की अधीश्वरी हो।

विश्वव्यापी विपत्तियों के नाश के लिये मंत्र – vishvavyapi vipattiyon ka nash ke liye mantra – लाल किताब के मंत्र

 

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