एकादशी व्रत का संबंध
संबंध केवल पाप मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति से नहीं है। एकादशी व्रत भौतिक सुख और धन देने वाली भी मानी जाती है। आज की एकादशी ऐसी ही एकादशी है जिस दिन भगवान शंकर की पूजा करने से अपार धन प्राप्त होता है। हिन्दू धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस शुभ दिन प्रकृति रूप शिव की पूजा और वंदना बहुत ही शुभ फल देती है।
सोमवार को शिव भक्ति
सोमवार को शिव भक्ति के साथ एकादशी तिथि पर विष्णु पूजा का दुर्लभ योग बना है. आस्था है कि जहां भोलेनाथ जल के साथ चढ़ाई कई छोटी-छोटी चीजों से भी प्रसन्न हो जाते हैं, तो भगवान विष्णु नाम स्मरण से ही सुख बरसाते हैं. इसलिए इस संयोग में यहां बताए जा रहे हैं शिव व विष्णु पूजा के कुछ आसान उपाय, जो सोया भाग्य भी जगाने वाले माने गए हैं.
ऐसे करें पूजा
सुबह स्नान के बाद पंचोपचार पूजा में चंदन या गंध, फूल, मीठा और धूप, दीप इन 5 खास उपायों से आरती का विधान है. इनके अलावा शिव को जल, चावल व बिल्वपत्र भी अर्पित करें तो भगवान विष्णु को केसर चंदन, पीले वस्त्र व तुलसी चढ़ाएं.
चीजों से शिव व भगवान विष्णु की पूजा के दौरान शिव पंचाक्षरी मंत्र ‘नम: शिवाय’, षडाक्षरी मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ व विष्णु महामंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या फिर नीचे लिखे आसान मंत्र बोलें – ॐ विष्णुवल्लभाय नम:. ॐ शंकराय नम:. ॐ महेश्वराय नम:
ऐसे करें शिव का अभिषेक 1
इसके बाद भगवान को फल या दूध से बनी मिठाई चढ़ाएं. इसी तरह पौराणिक मान्यताओं में परेशानियों से छुटकारा पाने व कई इच्छाएं पूरी करने के लिए अलग-अलग तरह की धारा से शिव का अभिषेक करना शुभ बताया गया है. इन धाराओं को अर्पित करते समय महामृत्युंज मंत्र, गायत्री मंत्र, रुद्र मंत्र, पंचाक्षरी मंत्र, षडाक्षरी मंत्र जरूर बोलना चाहिए.
ऐसे करें शिव का अभिषेक 2
जब किसी का मन विचलित हो, अवसाद से भरा हो, परिवार में कलह हो रहा हो, अनचाहे दु:ख मिल रहे हो तब शिवलिंग पर दूध की धारा चढ़ाना सबसे अच्छा उपाय है. इसमें भी शिव मंत्रों का उच्चारण करते रहना चाहिए.
ऐसे करें शिव का अभिषेक 3
कुल की वृद्धि व घर-परिवार की खुशहाली के लिए शिवलिंग पर शिव सहस्त्रनाम बोलकर घी की धारा अर्पित करें. रोग मुक्ति के लिए शहद की धारा से शिव पूजा करें.
ऐसे करें शिव का अभिषेक 4
गन्ने के रस की धारा से अभिषेक करने पर हर सुख और आनंद मिलता है. शिव पर जलधारा से अभिषेक मन की शांति के लिए श्रेष्ठ मानी गई है. भौतिक सुख-सुविधाओं को पाने के लिए इत्र की धारा से शिवलिंग का अभिषेक करें.
ऐसे करें शिव का अभिषेक 5
सभी धाराओं से श्रेष्ठ है गंगाजल की धारा. शिव को गंगाधर कहा जाता है. शिव को गंगा की धार बहुत प्रिय है. गंगा जल से शिव अभिषेक करने पर चारों पुरुषार्थ की प्राप्ति होती है. दूध में मिलाकर इससे अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र जरूर बोलना चाहिए.
एकादशी के दिन ये उपाय
प्रत्येक एकादशी के दिन सुख एवं ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी को शुद्ध घी का नौ बत्तियों वाला दीपक अर्पित कर उनकी आरती करें।
एकादशी के दिन ब्रह्म मुहुर्त में उठकर घर के मुख्य द्वार की दहलीज पर तांबे का सिक्का नए लाल रंग के वस्त्र में बांध कर लगाने से घर में धन, समृद्धि का आगमन होता है।
प्रात उठकर पीपल, तुलसी एवं सूर्य देव को जल चढ़ा कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
शनिवार को श्याम वर्ण के पशुओं को रोटी खिलाएं, घर का कोना-कोना सुव्यवस्थित रखें और मुख्य द्वार को रंगोली से सजाएं।
शास्त्रों में अतिथि को भगवान का दर्जा दिया गया है। मेहमान घर आएं तो प्रसन्न मुख से उनका स्वागत करें। वह चाहें अमीर हो या गरीब उनका अपनी शक्ति के अनुसार उचित आदर-सत्कार करें। ऐसा करने से यज्ञ करने के समान पुण्य प्राप्त होता है।
साधु और संत धरती के देवता होते हैं। इनका धर्म सभी जीवों का हित करने वाला होने से वह सार्वधर्म या विश्वधर्म कहलाते हैं। स्वर्ग के इंद्र, देव और दानव भी इन्हें नमस्कार करते हैं। इनकी सेवा करने से भगवान की अनन्य सेवा होती है।
भिखारी अथवा याचक को जहां तक आपके लिए संभव हो उसे प्रसन्न करके ही विदा करें। अपने द्वार पर आए हुए किसी भी याचक को खाली हाथ न लौटाएं।
अपनी कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा दान अथवा भलाई में खर्च करें। यहां पर लगाया धन कई गुना बढ़कर वापिस लौटता है। ब्राह्मण विष्णु भगवान का रूप होता है। तो दान लेने का पहला हक उन्हीं का होता है। अगर ब्राह्मण उपलब्ध न हो तो मूर्तियों में बसे देवी देवताओं को दान करना चाहिए। मूर्तियों में रहने वाले देवता से दान का फल बहुत देर से मिलता है, तो मनुष्य को ब्राह्मण, जरूरतमंद, गरीब को दान करना चाहिए जिसका फल तुरन्त ही अवश्य मिलता है।
आयु, धन, घर के दोष, मंत्र, मैथुन, औषध, दान, मान एवं अपमान इन नौ विषयों को बहुत गुप्त रखना चाहिए अर्थात किसी को नहीं बताना चाहिए।
सोमवार-एकादशी संयोग – somvar-ekadashi sanyog – लाल किताब के रामबाण उपाय