चंद्र के कुण्डली में अशुभ होने पर दुधारी पशु की मृत्यु हो जावे, स्मरण शक्ति का ह्रास हो, धर में पानी की कम पड़ जावे । ऐसे में भगवान शिव की आराधना करें , दो मोती या दो चांदीं का तुकड़ा लेकर एक तुकड़ा पानी में बहा दें एक को अपने पास रखें । चंद्र यदि कुण्डली में छठे भाव में हो तो दूध या पानी का दान कदापि नकरें , यदि वारहवां हो तो धमात्मा या साधु को भोजन न करावें न ही दूध पिलावें यदि ऐसा करेंगे तो जीवन भर कष्ट भोगेंगे ।
चंद्र (Moon) – chandra (moon) – लाल किताब