शाम को एकान्त कमरे में जमीन पर उत्तर की तरफ़ मुंह करके पालथी मारकर बैठ जाइये,दोनों आंखों को बन्द करने के बाद आंखों की द्रिष्टि को नाक के ऊपर वाले हिस्से में ले जाने की कोशिश करिये,धीरे धीरे रोजाना दस से बीस मिनट का प्रयोग करिये,लेकिन इस काम को करने के बीच में किसी भी प्रकार के विचार दिमाग में नही लाने चाहिये,आपको आपके इष्ट का दर्शन सुगमता से हो जायेगा।अपने पूर्वजों की नियमित पूजा करें। प्रति माह अमावस्या को प्रातःकाल ५ गायों को फल खिलाएं।
ईश्वर का दर्शन करने के लिये टोटका – ishwar prapti ke upay – लाल किताब