इसके अशुभ प्रभाव में होने पर मूत्र एवं किडनी संबंधी रोग होवे, जोड़ों का रोग उभरे, संतान को पीड़ा होवे तब अपने खाने में से कुत्ते को हिस्सा देवें, तिल व कपिला गाय दान में दें, कान छिदवायें व श्री विघ्नविनायक की आराधना करें ।
उपरोक्त टोटके लाल किताब के अनुभव सिद्ध टोटके हैं । ग्रहों के द्वारा कष्ट प्रदान किये जाने पर उपरोक्तानुसार कार्य करने से उक्त ग्रह प्रशन्न होते हैं एवं शुभ प्रभाव में आकर उन्नति प्रदान करते हैं । इन टोटकों का प्रयोग कम से कम ४० दिन तक करना चाहिए तब ही फल प्राप्ति संभव होता है । लाल किताब के इन निदान उपायों को पाठक प्रयोग करें और गोचरवश आपके कुण्डली में अशुभ प्रभाव में स्थित ग्रहों को शुभ प्रभाव में ले आवें ।
केतु (Ketu) – ketu (ketu) – लाल किताब