अमुक-नाम्ना नमो वायु-सूनवे झटिति आकर्षय-आकर्षय स्वाहा।
विधि- केसर, कस्तुरी, गोरोचन, रक्त-चन्दन, श्वेत-चन्दन, अम्बर, कर्पूर और तुलसी की जड़ को घिस या पीसकर स्याही बनाए। उससे द्वादश-दल-कलम जैसा ‘यन्त्र’ लिखकर उसके मध्य में, जहाँ पराग रहता है, उक्त मंत्र को लिखे। ‘अमुक’ के स्थान पर ‘साध्य’ का नाम लिखे। बारह दलों में क्रमशः निम्न मंत्र लिखे-
1। हनुमते नमः,
2। अञ्जनी-सूनवे नमः,
3। वायु-पुत्राय नमः,
4। महा-बलाय नमः,
5। श्रीरामेष्टाय नमः,
6। फाल्गुन-सखाय नमः,
7। पिङ्गाक्षाय नमः,
8। अमित-विक्रमाय नमः,
9। उदधि-क्रमणाय नमः,
10। सीता-शोक-विनाशकाय नमः,
11। लक्ष्मण-प्राण-दाय नमः और
12। दश-मुख-दर्प-हराय नमः।
यन्त्र की प्राण-प्रतिष्ठा करके षोडशोपचार पूजन करते हुए उक्त मंत्र का 11000 जप करें। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए लाल चन्दन या तुलसी की माला से जप करें। आकर्षण हेतु अति प्रभावकारी है।
आकर्षण हेतु हनुमद्-मंत्र-तन्त्र – aakarshan hetu hanuman-mantra-tantra – मंत्रो की शक्ति