sarasvatee mantr

सरस्वती मंत्र – मंत्रो की शक्ति – sarasvatee mantr – mantro ki shakti

प्रात: स्नान इत्यादि से निवृत होने के बाद मंत्र जप आरंभ करें। अपने समक्ष मां सरस्वती का यंत्र, प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब चित्र, प्रतिमा या यंत्र के ऊपर श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प व अक्षत (चावल) भेंट करें और धूप-दीप जलाकर देवी की पूजा करें और अपनी मनोकामना का मन में स्मरण करके स्फटिक की माला से किसी भी सरस्वती मंत्र की शांत मन से एक माला फेरें। या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रावृता।
या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मासना।
या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा।

अर्थात् जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह श्वेत वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान हैं, जिन्होंने श्वेत कमलों पर अपना आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली ऐसी मां सरस्वती आप हमारी रक्षा करें।

सरस्वती मंत्र – saraswati mantra – मंत्रो की शक्ति

 

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