किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन प्रात:काल नित्यकर्म से निवृत होकर स्नानोपरांत कांसे की थाली मे कुंकुंम केसर ढेरी बनाए चावल की ढेरी के ऊपर कनक धारा यंत्र को स्थापित करें। स्वच्छ जल में गंगाजल मिलाकर छींटा दें। कुंकुम से तिलक करें। धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प और अक्षत अर्पित कर श्रद्धापूर्वक पंचोपचार पूजन करें। तत्पश्चात शुद्ध देसी घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें। कंबल का शुद्ध आसन बिछाकर एक माला इस ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी आगच्छ आगच्छ मम गृह तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा मंत्र की जाप करें। साथ ही इस ‘ॐ वं श्री वं एं ह्रीं क्लीं कनकधारायै स्वाहा।’ मंत्र की पांच माला जाप करें। ऐसा नियमित सुबह-शाम पूजन करके लगातार 40 दिन जाप करें। संपूर्ण कष्टों से छुटकारा मिलेगा
संपूर्ण कष्टों से छुटकारे हेतु – sampoorn kashton se chhutakaare hetu – सुख समर्धि के उपाय और टोटके