गृह नक्षत्र का प्रभाव

dhanwaan hasta nakshatra

अपनी बुद्धि से बनते हैं धनवान हस्त नक्षत्र के जातक – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Made his wit rich handmade constellation of native – dhanwaan hasta nakshatra

भमंडल में विचरण करने वाले नक्षत्रों में हस्त नक्षत्र (Hasta Nakshatra ) का स्थान तेरहवां है। इस नक्षत्र का स्वामी चन्द्रमा है। और इस नक्षत्र की राशि कन्या है। ज्योतिषशास्त्र कहता है जो व्यक्ति जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उस पर जीवन भर उस नक्षत्र और उस नक्षत्र की राशि का प्रभाव रहता है। […]

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revati nakshatra

भरोसेमंद होते हैं रेवती नक्षत्र के जातक – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Trustworthy are Revathi constellation of native – revati nakshatra

नक्षत्र मंडल में रेवती का स्थान 27 वां हैं (Revti is the 27th Nakshatra in the group of Constellation)। यह आखिरी नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति के विषय में ज्योतिषशास्त्र क्या कहता है आइये इसकी जानकारी प्राप्त करें। रेवती नक्षत्र का स्वामी बुध होता है और राशि स्वामी बृहस्पति

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chitra nakshatra

खुशहाल और सुखमय जीवन जीते हैं चित्रा नक्षत्र के जातक! – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Joyful and happy life live Chitra constellation of native! – chitra nakshatra

चित्रा नक्षत्र की गिनती शुभ नक्षत्रों में की जाती है। आकाशमंडल में इस नक्षत्र का स्थान चौदहवां है( Chitra is the fourteenth Nakshatra)। इस नक्षत्र का स्वमी मंगल ग्रह होता है(Lord of chitra is Mars)। इस नक्षत्र के दो चरण कन्या राशि में होते हैं और दो तुला राशि में। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र

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Pushya Nakshatra

शुभ फलदायी होता है पुष्य नक्षत्र. – गृह नक्षत्र का प्रभाव – The good fruitful flower constellation. – Pushya Nakshatra

कार्तिक अमावस्या के पूर्व आने वाले पुष्य नक्षत्र को शुभतम माना गया है। जब यह नक्षत्र सोमवार, गुरुवार या रविवार को आता है, तो एक विशेष वार नक्षत्र योग निर्मित होता है जिसका संधिकाल में सभी प्रकार का शुभ फल सुनिश्चित हो जाता है। गुरुवार को इस नक्षत्र के पड़ने से गुरु-पुष्य नामक योग का

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Rohini Nakshatra

रोहिणी चंद्रमा की सुंदर पत्नी – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Rohini beautiful wife of the Moon – Rohini Nakshatra

रोहिणी नक्षत्र को वृष राशि का मस्तक कहा गया है। इस नक्षत्र में तारों की संख्या पाँच है। भूसे वाली गाड़ी जैसी आकृति का यह नक्षत्र फरवरी के मध्य भाग में मध्याकाश में पश्चिम दिशा की तरफ रात को 6 से 9 बजे के बीच दिखाई देता है। यह कृत्तिका नक्षत्र के पूर्व में दक्षिण

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nakshatra

नक्षत्रों का मानव जीवन पर प्रभाव – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Impact on human life of stars – nakshatra

आकाश मंडल में 27 नक्षत्र और अभिजीत को मिलाकर कुल 28 नक्षत्र होते हैं। राशियों पर 27 नक्षत्रों का ही प्रभाव माना गया है। जन्म के समय हम किस नक्षत्र में जन्में हैं, उसका स्वामी कौन है व उसकी जन्म कुंडली में किस प्रकार की स्थिति है। जन्म के समय का नक्षत्र उदित है या

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krittika nakshatra

कृत्तिका नक्षत्र – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Krittika Star – krittika nakshatra

वृभष राशि में कृत्तिका नक्षत्र के अंतिम 3 चरण होते हैं। इसमें ई, उ, ए जन्माक्षर होते हैं। नक्षत्र स्वामी सूर्य व राशि स्वामी शुक्र है। कृत्तिका के अंतिम 3 चरणों में जिनका जन्म हुआ है। वे शुक्र व सूर्य से जीवन भर प्रभावित होते रहेंगे। जन्म जिस लग्न में हो उसके स्वामी का भी

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bharani nakshatra

भरणी नक्षत्र – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Bharani constellation – bharani nakshatra

जिस जातक का जन्म भरणी नक्षत्र में हो तो उसकी राशि मेष होगी वहीं नक्षत्र का स्वामी शुक्र होगा। इस नक्षत्र में जन्में जातक पर मंगल, शुक्र का प्रभाव जीवन भर पड़ेगा जहाँ ऊर्जा, साहस महत्वाकांक्षा देगा। वहीं शुक्र कला, सौंदर्य धन व सेक्स का कारण बनता है। भरणी में जन्म होने से जन्म के

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ashvin nakshatra

अश्विन नक्षत्र – गृह नक्षत्र का प्रभाव – Ashwin Star – ashvin nakshatra

यदि आपका जन्म अश्विन नक्षत्र में हुआ है तो आपकी राशि मेष व जन्म नक्षत्र स्वामी केतु होगा। राशि स्वामी मंगल व केतु का प्रभाव आपके जीवन पर अधिक दिखाई देगा। मेष लग्न में जन्मे हैं तो मंगल लग्न में होने से व केतु भी मेष का हो तो आप स्वभाव से जिद्दी, गुस्सैल भी

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