eye defect

नजर दोष – नजर दोष | Eye defect – nazar dosh

 

► परिचय

भारतीय समाज में नजर लगना और लगाना एक बहु प्रचलित शब्द है। लगभग प्रत्येक परिवार में नजर दोष निवारण के उपाय किये जाते हैं। घरेलु महिलाओं का मानना है कि बच्चों को नजर अधिक लगती है। बच्चा यदि दूध पीना बंद कर दे तो भी यही कहा जाता है कि भला चंगा था, अचानक नजर लग गई। लेकिन क्या नजर सिर्फ बच्चों को ही लगती है? नहीं। यदि ऐसा ही हो तो फिर लोग ऐसा क्यों कहते हैं कि मेरे काम धंधे को नजर लग गई। नया कपड़ा, जेवर आदि कट-फट जाएँ, तो भी यही कहा जाता है कि किसी की नजर लग गई।

लोग अक्सर पूछते हैं कि नजर लगती कैसे है? इसके लक्षण क्या हैं? नजर लगने पर उससे मुक्ति के क्या उपाय किये जाएँ? लोगों कि इसी जिज्ञासा को ध्यान में रखकर यहाँ नजर के लक्षण, कारण और निवारण के उपाय का विवरण प्रस्तुत है।

नजर लगना एक बहुत बड़ा दोष माना जाता है| जब कभी कोई व्यक्ति किसी की उन्नति वा भाग्य को देखकर ईर्ष्या करता है वा ईर्ष्या के वशीभूत कुछ गलत कह दे तो उसे नज़र लग सकती है| कई बार देखा गया है की नज़र के कारण अच्छा भला व्यवसाय अचानक रुक जाता है, नहीं तो अनेक प्रकार की परेशानिया आती रहती है जैसे बच्चे या बड़े दोनों को ही नज़र लग सकती है जिससे वह बीमार पड़ जाते है यदि आप भी इन में से किसी भी परेशानी का सामना कर रहे है तो आप घर बेठे ही अपना उपचार कर सकते है|

जिस प्रकार किसी व्यक्ति की राशि एवं नक्षत्र के स्वामी निर्बल होने पर वह नजर दोष के प्रभाव में आ जाता है, उसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति की राशि एवं नक्षत्र स्वामी क्रूर ग्रह बली हो तथा पापी ग्रहों का प्रभाव हो, तो व्यक्ति की वाणी, दृष्टि एवं मनोभावों में ईष्र्या उत्पन्न होती है। अक्सर सुनने में आता है कि किसी ने किसी दूसरे पर टोना कर दिया है, जिससे उसका कोई भी काम ठीक नहीं होता और दुर्भाग्य बार-बार आड़े आ जाता है। इसी प्रकार कभी हम महसूस करते हैं कि पूरी मेहनत के पश्चात भी हमें कार्य में सफलता नहीं मिल रही – कारण कि किसी ने हमारे व्यवसाय को बांध दिया है। बंधन के फलस्वरूप या तो व्यवसाय नहीं होता या फिर व्यवसाय होते हुए भी अंततः हानि ही हाथ आती है।

यहां तक कि इस प्रकार का माहौल बन जाता है कि हमें वह व्यवसाय छोड़ना ही पड़ जाता है। कभी किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य ऐसे बिगड़ जाता है कि सभी दवाइयां निष्प्रभावी हो जाती हैं। ऐसा अक्सर किसी भूत-प्रेत या चुड़ैल की बाधा साथ लग जाने से होता है। यह बाधा किसी के द्वारा कराई गई होती है या अंजाने में राह में या हमारे किसी कर्म के कारण लग जाती है। मनुष्य को पूर्व जन्म के ऋणानुबंध या श्राप आदि भी अनेक प्रकार से कष्टदायी होते हैं जिनका उपाय करने से उनसे मुक्ति मिल सकती है।

► नजर के लक्षण
नजर से प्रभावित लोगों का कुछ भी करने को मन नहीं करता। वे बैचैन और बुझे-बुझे-से रहते हैं। बीमार नहीं होने के बावजूद शिथिल रहते हैं। उनके मानसिक स्थिति अजीब-सी रहती है, उसके मन में अजीब-अजीब से विचार रहते हैं। वे खाने के प्रति अनिच्छा जाहिर करते हैं। बच्चे प्रतिक्रया व्यक्त न कर पाने के कारण रोने रोने लगते हैं। कामकाजी लोग काम करना भूल जाते हैं और अनर्गल बातें सोचने लगे हैं। इस स्थिति से बचाव के लिये वे चिकित्सा भी करवाना नहीं चाहते। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई से उचाट जाता है। नौकरीपेशा लोग सुनते कुछ हैं, करते कुछ और हैं। इस प्रकार नजर दोष के अनेकानेक लक्षण हो सकते हैं।

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