वास्तु पुरुष दिशा मराठी

vaidik vastu shastra ka udbhav

वैदिक वास्तुशास्त्र का उदभव – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vastu shastra ka udbhav – vedic vastu shastra

'वैदिक शास्त्रों में वास्तु का अर्थ है गृह निर्माण योग्य भूमि! अर्थात् जिस भूमि पर अधिक सुरक्षा व सुविधा प्राप्त हो सके, इस प्रकार के मकान को भवन व महल आदि जिसमें मनुष्य रहते हैं या काम करते हैं वास्तु कहते है। इस ब्रह्मण्ड में सबसे शाक्तिशाली प्राकृति है क्योंकि यही सृष्टि का विकास करती […]

वैदिक वास्तुशास्त्र का उदभव – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik vastu shastra ka udbhav – vedic vastu shastra Read More »

vaidik kal kya hai vastu purush?

वैदिक कालक्या है वास्तुपुरुष? – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik kal kya hai vastu purush? – vedic vastu shastra

वास्तु पुरुष की कल्पना भूखंड में एक ऐसे औंधे मुंह पड़े पुरुष के रूप में की जाती है, जिससे उनका मुंह ईशान कोण व पैर नैऋत्य कोण की ओर होते हैं! उनकी भुजाएं व कंधे वायव्य कोण व अग्निकोण की ओर मुड़ी हुई रहती है! देवताओं से युद्ध के समय एक राक्षस को देवताओं ने

वैदिक कालक्या है वास्तुपुरुष? – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaidik kal kya hai vastu purush? – vedic vastu shastra Read More »

vastu shastra kee vyaakhya

वास्तुशास्त्र की ब्याख्या – वैदिक वास्तु शास्त्र – vastu shastra kee vyaakhya – vedic vastu shastra

वास्तुशास्त्र भवन निर्माण की एक अदभुत कला है जिसमें सभी दोषों को दूर करके भवन निर्माण की सभी खूबियों का ध्यान रखते हुए निर्माण किया जाता है जिसमें रहने वाले के लिए सभी सुखों का अनुभव हो एवं आनंद की प्राप्ति होती हो तथा सम्पूर्ण विकास की प्राप्ति हो ऐसी कला को वास्तु शास्त्र कहते

वास्तुशास्त्र की ब्याख्या – वैदिक वास्तु शास्त्र – vastu shastra kee vyaakhya – vedic vastu shastra Read More »

vaastu- kaise karen dishaon ka shodhan

वास्तु- कैसे करें दिशाओं का शोधन – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaastu- kaise karen dishaon ka shodhan – vedic vastu shastra

दिशाओं में देवी-देवताओं और स्वामी ग्रहों के आधिपत्य से संबंधित बहुत चर्चाएं की गई हैं! दिशाओं के देव व स्वामी होने से पृथ्वी पर किसी भूखंड पर निर्माण कार्य प्रारंभ करते समय यह विचार अवश्य कर लेना होगा कि भूखंड के किस भाग में किस उद्देश्य से गृह निर्माण कराया जा रहा है! यदि उस

वास्तु- कैसे करें दिशाओं का शोधन – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaastu- kaise karen dishaon ka shodhan – vedic vastu shastra Read More »

vaastu purush ke dosh

वास्तु पुरुष के दोष – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaastu purush ke dosh – vedic vastu shastra

यह एक कठिन विद्या है, जिसमें भौतिक निर्माण कृत्य में कब कौन देवता क्रोधित हो जाए व क्या परिणाम देंगे, इनका ज्ञान आवश्यक है! कुछ सामानय गृह दोष व उनके परिणाम बताए जा रहे हैं, जो जनोपयोगी हैं! सामान्य जन इनका बिना किसी विशेषज्ञ की मदद से भी उपयोग कर सकते हैं! देवतागण यदि रुष्ट

वास्तु पुरुष के दोष – वैदिक वास्तु शास्त्र – vaastu purush ke dosh – vedic vastu shastra Read More »

pad vastu

पद वास्तु – वैदिक वास्तु शास्त्र – pad vastu – vedic vastu shastra

वास्तु पुरुष का आविर्भाव इतिहास में कब हुआ इसका समय ज्ञात नहीं है परन्तु वैदिक काल से ही यज्ञवेदी का निर्माण पूर्ण विधान के साथ किया जाता था! क्रमश: यहीं से विकास कार्य शुरू हुआ व एक पदीय वास्तु (जिसमें वास्तुखंड के और विभाजन न किए जाएं) जिसे सकल कहते हैं, पेचक मंडल जिसमें एक

पद वास्तु – वैदिक वास्तु शास्त्र – pad vastu – vedic vastu shastra Read More »

vastu-chakra ka varnan

वास्तु-चक्र का वर्णन – वास्तुशास्त्र – vastu-chakra ka varnan – vastu shastra

सूतजी कहते हैं— ऋषियो! अब मैं गृह निर्माण के उस समय का निर्णय बतला रहा हूँ, जिस शुभ समय को जानकर मनुष्य को सर्वदा भवन का आरम्भ करना चाहिये। जो मनुष्य चैत्र मास में घर बनाता है, वह व्याधि, वैशाख में घर बनाने वाला धेनु और रत्न तथा ज्येष्ठ में मृत्यु को प्राप्त होता है।

वास्तु-चक्र का वर्णन – वास्तुशास्त्र – vastu-chakra ka varnan – vastu shastra Read More »

vaastu- kaise karen dishaon ka shodhan

वास्तु: कैसे करें दिशाओं का शोधन – वास्तुशास्त्र – vaastu: kaise karen dishaon ka shodhan – vastu shastra

दिशाओं में देवी-देवताओं और स्वामी ग्रहों के आधिपत्य से संबंधित बहुत चर्चाएं की गई हैं। दिशाओं के देव व स्वामी होने से पृथ्वी पर किसी भूखंड पर निर्माण कार्य प्रारंभ करते समय यह विचार अवश्य कर लेना होगा कि भूखंड के किस भाग में किस उद्देश्य से गृह निर्माण कराया जा रहा है। यदि उस

वास्तु: कैसे करें दिशाओं का शोधन – वास्तुशास्त्र – vaastu: kaise karen dishaon ka shodhan – vastu shastra Read More »

vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy

वास्तु शास्त्र का मानव जीवन रहस्य – वास्तुशास्त्र – vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy – vastu shastra

वास्तुशास्त्र जीवन के संतुलन का प्रतिपादन करता है। यह संतुलन बिगड़ते ही मानव एकाकी और समग्र रूप से कई प्रकार की कठिनाइयों और समस्याओं का शिकार हो जाता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार पंचमहाभूतों- पृथ्वी ,जल , वायु , अग्नि और आकाश के विधिवत उपयोग से बने आवास में पंचतत्व से निर्मित प्राणी की क्षमताओं को

वास्तु शास्त्र का मानव जीवन रहस्य – वास्तुशास्त्र – vaastu shaastr ka maanav jeevan rahasy – vastu shastra Read More »

vastu tips : 20 upyogi baten

वास्तु टिप्स : 20 उपयोगी बातें – वास्तुशास्त्र – vastu tips : 20 upyogi baten – vastu shastra

पवन घंटियां (विंड चाइम) घर में सौभाग्य बढ़ाने का अद्भुत स्रोत हैं। पवन घंटियां बैठक तथा घर में स्थापित मंदिर के दरवाजे पर लटकाने से शुभ्रता प्रदान करती है। व्यावसायिक कार्यालयों में दक्षिण दिशा में संस्थान के मालिक की फोटो लगाएं। पूर्वजों के चित्र उत्तर-पश्चिम में रखें, तो ज्यादा अच्‍छा होगा। अलमारी या कपड़ों की

वास्तु टिप्स : 20 उपयोगी बातें – वास्तुशास्त्र – vastu tips : 20 upyogi baten – vastu shastra Read More »

Scroll to Top