पितृदोष की शांति के उपाय

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय : जिन लोगों को पितृ दोष है, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां हम कुछ लक्षण दे रहे हैं जो कुंडली में पितृ दोष का संकेत देते हैं। Lal Kitab in Hindi यदि कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें घरों […]

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pitr dosh se mukti ke aasaan upay

पितृ दोष से मुक्ति के आसान उपाय – इन्द्रजाल द्वारा पति-पत्नी के बीच अनबन को दूर करने के मंत्र – pitr dosh se mukti ke aasaan upay – indrajaal dwara pati-patni mantr

ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के दोषों के बारे में बताया गया है। इनमें पितृदोष भी एक है। पूर्वजों के कार्यों के फलस्वरूप आने वाली पीढ़ी पर पड़ने वाले अशुभ प्रभाव को पितृ दोष कहते हैं। इस दोष को दूर करने के लिए किसी भी अमावस्या, पूर्णिमा या पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करने से

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pitr dosh ke shaanti ke upaay

पितृ दोष के शांति के उपाय – पितृ दोष निवारण उपाय – pitr dosh ke shaanti ke upaay – pitra dosh nivaran upay

1. कुंडली में पितृ दोष बन रहा हो तब जातक को घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा स्तुति करना चाहिए। उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। 2. अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा गुणी

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brahma vaivarta purana and manusmriti

ब्रह्म वैवर्त पुराण और मनुस्मृति – पितृदोष | Brahma Vaivarta Purana and Manusmriti – pitrdosh

  ब्रह्म वैवर्त पुराण और मनुस्मृति में ऐसे लोगों की घोर भत्र्सना की गई है जो इस मृत्युलोक में आकर अपने पितरों को भूल जाते हैं और सांसारिक मोहमाया, अज्ञानतावश अथवा संस्कार हीनता के कारण कभी भी अपने दिव्य पितरों को याद नहीं करते है। अपने पितरों का तिथि अनुसार श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न

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ghost phantom who and how?

भूत प्रेत कौन और कैसे? – पितृदोष | Ghost Phantom Who and How? – pitrdosh

  भूत प्रेत, जिन्नदि जैसे मनुष्यों में ब्राहमण, क्षत्रिय, वैश्य आदि जाति भेद हैं, उसी प्रकार उनकी भी जातियां या भेद सुविधानुसार किए गए हैं। इनमें भूत-प्रेत, जिन्न, ब्रहम, राक्षस, डाकिनी-शाकिनी आदि मुख्य हैं। जिनकी किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, वे भूत प्रेत बन जाते हैं। 1. जिसका जीवन में किसी ने ज्यादा

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father's shraddha karma

पितरों का श्राद्ध कर्म – पितृदोष | Father’s Shraddha Karma – pitrdosh

  हिन्दू धर्म शास्त्र में कहा गया भी गया है कि जो मनुष्य श्राद्ध करता है वह पित्तरों के आशीर्वाद से आयु, पुत्र, यश, बल, वैभव, सुख तथा धन-धान्य प्राप्त करता है। इसीलिये हिन्दू लोग अश्विन माह के कृष्ण पक्ष में प्रतिदिन नियमपूर्वक स्नान करके पित्तरों का तर्पण करते है तथा जो दिन उनके पिता

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ghost factor

भूत-प्रेत के कारक – पितृदोष | Ghost factor – pitrdosh

  भूत-प्रेत कारक ग्रह राहु से अधिक संबंध रखता है। चौथे स्थान में राहु, दसवें स्थान में शनि-मंगल हो तो उसके निवास स्थान में प्रेत का वास रहता है। इसके कारण धन हानि, संतान हानि, स्त्री को कष्ट इत्यादि होता है। अगर दूसरे, चौथे, पंचम, छठे, सातवें, द्वादश रवि के साथ राहु या गुरु के

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pitru paksha is of great importance in hindu religion culture

पितृ पक्ष का हिन्दू धर्म/संस्कृति में बड़ा महत्व – पितृदोष | Pitru Paksha is of great importance in Hindu religion / culture – pitrdosh

  पितृ पक्ष का हिन्दू धर्म तथा हिन्दू संस्कृति में बड़ा महत्व है। श्रद्धापूर्वक पित्तरों के लिये किया गया कर्म श्राद्ध कहलाता है, जो पित्तरों के नाम पर श्राद्ध तथा पिण्डदान नहीं करता है वह हिन्दू नहीं माना जा सकता है। हिन्दूशास्त्रों के अनुसार मृत्यु होने पर जीवात्मा चन्द्रलोक की तरफ जाती है तथा ऊँची

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fear of ghosts etc.

पितृदोष के कारण भूत-प्रेत आदि का भय – पितृदोष | Fear of ghosts etc. – pitrdosh

  जिसके यहां खून के रिश्ते में कोई पानी में डूब गया हो या अग्नि द्वारा जल गया हो या शस्त्र द्वारा मौत हो गई हो या कोई औरत तड़प-तड़प कर मर गई हो या मारी गई हो, उनको प्रेत-दोष भुगतना पड़ता है और कई बार तो बाहरी भूत प्रेतों का भी असर हो जाता

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pitras have supernatural powers

पित्तरों के पास आलौकिक शक्तियां होती है – पितृदोष | Pitras have supernatural powers – pitrdosh

  समान्यतः इन पित्तरों के पास आलौकिक शक्तियां होती है तथा यह अपने परिजनों एवं वंशजों की सफलता सुख समृद्धि के लिये चिन्तित रहते है जब इनके प्रति श्रद्धा तथा धार्मिक कर्म नहीं किये जाते है तो यह निर्बलता का अनुभव करते है तथा चाहकर भी अपने परिवार की सहायता नहीं कर पाते है तथा

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