पितृ दोष क्यों होता है

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय : जिन लोगों को पितृ दोष है, उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यहां हम कुछ लक्षण दे रहे हैं जो कुंडली में पितृ दोष का संकेत देते हैं। Lal Kitab in Hindi यदि कुंडली के पहले, दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें घरों […]

रावण संहिता के अनुसार पितृ दोष के उपाय Read More »

sooryakrt pitrdosh ke upaay

सूर्य कृत पितृ दोष के उपाय – पितृ दोष निवारण उपाय – sooryakrt pitrdosh ke upaay – pitra dosh nivaran upay

1. शुक्लपक्ष के प्रथम रविवार के दिन घर में विध विधान से सूर्ययंत्र स्थापित करें। सूर्य को नित्य तांबे के पात्र में जल लेकर अघ्र्य दें। जल में कोई लाल पुष्प चावल व रोली अवश्य मिश्रित कर लें। जब घर से बाहर जाएं तो यंत्र दर्शन जरूर करें। 2. निम्न मंत्र का एक माला नित्य

सूर्य कृत पितृ दोष के उपाय – पितृ दोष निवारण उपाय – sooryakrt pitrdosh ke upaay – pitra dosh nivaran upay Read More »

wish you peace

शान्ति की कामना करनी चाहिये – पितृदोष | Wish you peace – pitrdosh

  परिजनों का मतृक के लिये लगातार रोने पीटने तथा शोक प्रदर्शन करने से उन्हें दुख होता है उनकी शान्ति में बाधा पड़ती है इसलिये उनकी यादों स्मृतियों क्रिया कलापों को सदा के लिये संजोकर रखकर हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिये उनकी शान्ति की कामना करनी चाहिये परन्तु मतृक के साथ संसारिक मोह बन्धन शीघ्र

शान्ति की कामना करनी चाहिये – पितृदोष | Wish you peace – pitrdosh Read More »

simple remedies for pacification

पितृदोष की शांति हेतु सरल उपाय – पितृदोष | Simple remedies for pacification – pitrdosh

  ► घर में कभी-कभी गीता पाठ करवाते रहना चाहिए। ► प्रत्येक अमावस्या को ब्राहमण भोजन अवश्य करवायें। ► ब्राहमण भोजन में पूर्वजों की मनपसंद खाने की वस्तुएं अवश्य बनायी जाए। ► ब्राहमण भोजन में खीर अवश्य बनाए। ► योग्य एवं पवित्र ब्राहमण को श्राद्ध में चांदी के पात्र में भोजन करवायें। ► स्वर्ण दक्षिणा

पितृदोष की शांति हेतु सरल उपाय – पितृदोष | Simple remedies for pacification – pitrdosh Read More »

reverence for fathers

पित्तरों के प्रति श्रद्धा भाव – पितृदोष | Reverence for fathers – pitrdosh

  पित्तर अपने कुल से मात्र अपने प्रति श्रृद्धा अपना स्मरण अपना आदर तथा अपने प्रति उचित संस्कार की ही अपेक्षा रखते है और यह भी सत्य है कि उनका श्राद्ध करने उनके नाम से दान धर्म करने संस्कार करने स्मारक आदि बनाने का पुण्य फल एवं यश करने वाले को ही प्राप्त होता है

पित्तरों के प्रति श्रद्धा भाव – पितृदोष | Reverence for fathers – pitrdosh Read More »

sins-from-the-peace-of-fathers-refusal-etc.

पित्रुओं की शांति, तर्पण आदि न करने से पाप – पितृदोष | Sins from the peace of fathers, refusal etc. – pitrdosh

पित्रुओं की शांति एवं तर्पण आदि न करने वाले मानव के शरीर का रक्तपान पित्रृगण करते हैं अर्थात् तर्पण न करने के कारण पाप से शरीर का रक्त शोषण होता है। • पितृदोष की शांति हेतु त्रिपिण्डी श्राद्ध, नारायण बलि कर्म, महामृत्युंजय मंत्र • त्रिपिण्डी श्राद्ध यदि किसी मृतात्मा को लगातार तीन वर्षों तक श्राद्ध

पित्रुओं की शांति, तर्पण आदि न करने से पाप – पितृदोष | Sins from the peace of fathers, refusal etc. – pitrdosh Read More »

in-hindu-religious-texts-fathers-are-also-called-messengers.

हिन्दु धर्म ग्रंथो में पितरों को संदेशवाहक भी कहा गया है| – पितृदोष | In Hindu religious texts, fathers are also called messengers. – pitrdosh

शास्त्रों में लिखा है………….. ॐ अर्यमा न तृप्यताम इदं तिलोदकं तस्मै स्वधा नम:।ॐ मृर्त्योमा अमृतं गमय|| अर्थात, अर्यमा पितरों के देव हैं, जो सबसे श्रेष्ठ है उन अर्यमा देव को प्रणाम करता हूँ । हे! पिता, पितामह, और प्रपितामह। हे! माता, मातामह और प्रमातामह आपको भी बारम्बार प्रणाम है . आप हमें मृत्यु से अमृत

हिन्दु धर्म ग्रंथो में पितरों को संदेशवाहक भी कहा गया है| – पितृदोष | In Hindu religious texts, fathers are also called messengers. – pitrdosh Read More »

symptoms of pitrostitis

पितृदोष के लक्षण – पितृदोष | Symptoms of Pitrostitis – pitrdosh

  पितृदोष के लक्षण ► घर में आय की अपेक्षा खर्च बहुत अधिक होता है। ► घर में लोगों के विचार नहीं मिल पाते जिसके कारण घर में झगडे होते रहते है। ► अच्छी आय होने पर भी घर में बरकत नहीं होती जिसके कारण धन एकत्रित नहीं हो पाता। ► संतान के विवाह में

पितृदोष के लक्षण – पितृदोष | Symptoms of Pitrostitis – pitrdosh Read More »

पित्तर कौन होते है पित्तरों का महत्व – पितृदोष | Who are the fathers, importance of fathers – pitrdosh

संसार के समस्त धर्मों में कहा गया है कि मरने के बाद भी जीवात्मा का अस्तित्व समाप्त नहीं होता है वरन वह किसी ना किसी रूप में बना ही रहता हे। जैसे मनुष्य कपड़ों को समय समय पर बदलते रहते है उसी तरह जीव को भी शरीर बदलने पड़ते है जिस प्रकार तमाम जीवन भर

पित्तर कौन होते है पित्तरों का महत्व – पितृदोष | Who are the fathers, importance of fathers – pitrdosh Read More »

pitenary dysfunction

पितृदोष से होने वाली हानिया – पितृदोष | Pitenary dysfunction – pitrdosh

  पितृदोष से होने वाली हानिया यदि किसी जातक की कुंडली मे पित्रृदोष होता है तो उसे अनेक प्रकार की परेशानियां, हानियां उठानी पडती है। जो लोग अपने पितरों के लिए तर्पण एवं श्राद्ध नहीं करते, उन्हे राक्षस, भूत-प्रेत, पिशाच, डाकिनी-शाकिनी, ब्रहमराक्षस आदि विभिन्न प्रकार से पीडित करते रहते है। ► घर में कलह, अशांति

पितृदोष से होने वाली हानिया – पितृदोष | Pitenary dysfunction – pitrdosh Read More »

Scroll to Top