शंखचूड़ कालसर्प योग – कालसर्प दोष | Shankhchud Kalasarp Yoga – kaal sarp dosh
शंखचूड़ कालसर्प योग ● योग: केतु तीसरे स्थान में व राहु नवम स्थान में तथा इसके बीच सारे ग्रह आ जाये तो शंखचूड़ नामक कालसप्र योग बनता है. ● प्रभाव: इस योग से पीड़ित जातकों का भाग्योदय होने में अनेक प्रकार की अड़चने आती रहती हैं. व्यावसायिक प्रगति, नौकरी में प्रोन्नति तथा पढ़ाई-लिखाई में […]
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