Brahmacharya Sadhana

8 types of copulation

8 प्रकार के मैथुन के त्याग – ब्रह्मचर्य विज्ञान | 8 types of copulation – brahmacharya vigyan

  ► स्मरण किसी सुन्दर युवती स्त्री के रूप-लावण्य अथवा हाव, भाव, कटाक्ष एवं श्रृंगार का स्मरण करना, कुत्सित पुरुषों की कुत्सित क्रियाओं का स्मरण करना, अपने द्वारा पूर्व में घटी हुई मैथुन आदि क्रिया का स्मरण करना, भविष्य में किसी स्त्री के साथ मैथुन करने का संकल्प अथवा भावना करना, माला, चन्दन, इत्र, फुलेल, […]

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men and women

स्त्री-पुरुष के परस्पर विरुद्ध ध्रुवों का संयोजन – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Men and women – brahmacharya vigyan

  ► परिचय अतएव ब्रह्मचर्य का संपूर्ण नैष्ठिक पालन करने वाली व्यक्ति को शास्त्रकारों ने विजातिय व्यक्ति का तनिक भी स्पर्श करने की या उसके सामने स्थिर दृष्टि से देखने की, उसके साथ बहुत लंबे समय तक बातचीत की या मन से उसका विचार करने की मनाई की है| इन नव नियमों का बडी कडाई

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laws of celibacy

ब्रह्मचर्य विज्ञान के नियम – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Laws of celibacy – brahmacharya vigyan

  ► परिचय तो क्या आज भोग-विलास से भरपूर युग में मन, वचन, काया से पूर्णतः ब्रह्मचर्य का पालन संभव है? उनका उत्तर बहुत से लोग ‘‘ना’’ में देंगे किन्तु मेरी दृष्टि से प्राचीन आचार्य व महर्षियों द्वारा निर्दिष्ट ब्रह्मचर्य की नौ बाड अर्थात् नियम या मर्यादाओं का यथार्थ रुप से पूर्णतया पालन किया जाय

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brahmacharya raksha mantra

ब्रह्मचर्य रक्षा मंत्र – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Brahmacharya Raksha Mantra – brahmacharya vigyan

  यह प्रयोग स्वयं सिद्ध है ! इसे सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है ! फिर भी पर्व काल में एक माला जप ले ! जिन लोगों की साधना बार बार स्वप्नदोष की वजह से भंग हो जाती है वह इसका इस्तेमाल जरुर करे ! एक बात का हमेशा ख्याल रखे कि यदि आपका

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celibacy

ब्रह्मचर्य का पालन आचार्य – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Celibacy – brahmacharya vigyan

  ब्रह्मचर्य व्रत सभी व्रतों से श्रेष्ठ है। मन को साधने से ही ब्रह्मचर्य व्रत का पालन हो सकता है। यदि मन को वश में रखा जाए तो व्यक्ति गृहस्थ जीवन में भी साधना कर सकता है। यह बात आचार्य महाश्रमण ने समदड़ी प्रवास के तीसरे दिन सोमवार को उपस्थित श्रावकों को प्रवचन के दौरान

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lack of focus

ध्यान केंद्रित न होना – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Lack of focus – brahmacharya vigyan

  सेक्स से परहेज करना नपुंसकता का एक कारण बताया गया है। जब लोग परहेज रखकर सेक्स से दूरी बना लेते हैं तो उनमें अपराधबोध और एंजाइटी हो जाती है। कामेच्छा दबाने की यह प्रक्रिया जब बार-बार होती है तो समस्या की जड़ें फैल जाती हैं। दिमाग में एक भावनात्मक असंतुलन पैदा होता है और

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refraining from sex

सेक्स से परहेज करना – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Refraining from sex – brahmacharya vigyan

  कुछ लोग इस गलत धारणा में रहते हैं कि सेक्स से परहेज करना स्वास्थ्य व खुशी के लिए अच्छा है। वे अपनी तथाकथित ऊर्जा को सेक्स संबंधों से परहेज रखकर सुरक्षित रखने की कोशिश करते हैं। उन्हें लगता है कि सेक्स से दूर रहकर जिंदगी लंबी होती है, बदन हृष्टपुष्ट होता है और मानसिक

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scientific reasons for maintaining celibacy

ब्रह्मचर्य बनाए रखने के वैज्ञानिक कारण – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Scientific reasons for maintaining celibacy – brahmacharya vigyan

  ब्रह्मचर्य का शारीरिक, मानसिक व वाचिक वैसे तीनों प्रकार से पालन न होने पर पुरुष व स्त्री दोनों के शरीर में से सेक्स होर्मोन्स बाहर निकल जाते हैं | ये सेक्स होर्मोन्स ज्यादातर लेसीथीन, फोस्फरस, नाइट्रोजन व आयोडीन जैसे जरूरी तत्त्वों से बने हैं जो जीवन, शरीर और मस्तिष्क के लिए बहुत उपयोगी हैं|

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celibacy

ब्रह्मचर्य विज्ञान – ब्रह्मचर्य विज्ञान | Celibacy – brahmacharya vigyan

  ब्रह्मचर्य के दो अर्थ होते हैं। जो ज़्यादातर लोग जानते हैं वो ये होता है कि संभोग(सेक्स) नहीं करना और ये बड़ी तुच्छ बात है। तुमने तो ब्रह्म को बिल्कुल लंगोटे से बांध दिया है। ब्रह्म को क्या पड़ी है कि तुम सेक्स कर रहे हो या नहीं। ब्रह्म का वास्तविक अर्थ है, ब्रह्म

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for married young men

विवाहित युवक-युवतियों के लिए – ब्रह्मचर्य विज्ञान | For married young men – brahmacharya vigyan

  प्रत्येक नवविवाहित युवक-युवती को डॉ.कोवन की निम्न पंक्यिताँ अवश्य ध्यान में रखनी चाहिएः “नई शादी करके पुरुष तथा स्त्री विषय भोग की दलदल में जा धँसते हैं। विवाह के प्रारम्भ के दिन तो मानों व्यभिचार के दिन होते हैं। उन दिनों ऐसा जान पड़ता है, जैसे विवाह जैसी उच्च तथा पवित्र व्यवस्था भी मनुष्य

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