rahu ki antardasha ke upay

dvaadash bhaavon mein raahu - raahu ke prakop

द्वादश भावों में राहु – राहु के प्रकोप – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – dvaadash bhaavon mein raahu – raahu ke prakop – Aathavaan Din

– राहु प्रथम भाव में शत्रुनाशक अल्प संतति मस्तिष्क रोगी स्वार्थी सेवक प्रवृत्ति का बनाता है। – राहु दूसरे भाव में कुटुम्ब नाशक अल्प संतति मिथ्या भाषी कृपण और शत्रु हन्ता बनाता है। – राहु तीसरे भाव में विवेकी बलिष्ठ विद्वान और व्यवसायी बनाता है। – राहु चौथे भाव में स्वभाव से क्रूर कम बोलने […]

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chetavni - rahu ke prakop

चेतावनी – राहु के प्रकोप – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – chetavni – rahu ke prakop – Aathavaan Din

राहु के लिये जातक अपनी जन्म कुन्डली में देखें राहु प्रथम द्वितीय चतुर्थ पंचम सप्तम अष्टम नवम द्वादस भावों में किसी भी राशि का विशेषकर नीच का बैठा हो,तो निश्चित ही आर्थिक मानसिक भौतिक पीडायें अपनी महादशा अन्तरदशा में देता है,इसमे कोई संसय नही है। समय से पहले यानि महादशा अन्तरदशा आरम्भ होने से पहले

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rahu ki visheshta - rahu ke prakop

राहु की विशेषता – राहु के प्रकोप – आठवाँ दिन – Day 8 – 21 Din me kundli padhna sikhe – rahu ki visheshta – rahu ke prakop – Aathavaan Din

राहु छाया ग्रह है, ग्रन्थों मे इसका पूरा वर्णन है, और श्रीमदभागवत महापुराण में तो शुकदेवजी ने स्पष्ट वर्णन किया कि यह सूर्य से १० हजार योजन नीचे स्थित है, और श्याम वर्ण की किरणें निरन्तर पृथ्वी पर छोडता रहता है, यह मिथुन राहि में उच्च का होता है धनु राशि में नीच का हो

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