guptaang par til ka mahattv

गुप्तांग पर तिल का महत्त्व – शरीर के अंगो पर तिल के होने का महत्त्व – guptaang par til ka mahattv – sharir ke ango par til ke hone ka mahatva

गुप्तांग पर तिल का महत्त्व

1 पुरूष के गुप्तांग पर यदि तिल हो तो वह पुरूष अधिक कामुक एवं एक से अधिक स्त्रियों के संपर्क में रहता है।साथ ही साथ उस व्यक्ति हो पुत्र प्राप्ति की सम्भावना अधिक होती है एवं ४५-५० के बीच की आयु में उसे शिथिल इन्द्रियों का रोग हो जाता है।

2 स्त्री के गुप्तांग पर यदि बाएँ तरफ़ तिल है तो वह स्त्री अधिक कामुक, कम आयु से ही विपरीत लिंग के संपर्क में अधिक रहना अथवा इन्द्रियों सम्बंधित रोगों से पीड़ित होती हैं।ऐसी स्त्रियाँ कन्या को अधिक जनम देती हैं।यदि तिल दाँए तरफ़ है तो यह भी अधिक कामुक होती है तथा गुप्तांग में किसी प्रकार की फंगल रोग से पीड़ित हो जाती हैं। परन्तु ऐसी स्त्रियाँ कन्या से अधिक पुत्र को जनम देती हैं। तिल के अग्र्र भाग में नीचे होने पर वह स्त्री भी कामुक होती है पर वह कम आयु में ही विधवा हो जाती है।

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