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कंठ,गला तथा गर्दन पर तिल का महत्व – शरीर के अंगो पर तिल के होने का महत्त्व – kanth,gala tatha gardan par til ka mahatva – sharir ke ango par til ke hone ka mahatva

कंठ,गला तथा गर्दन पर तिल का महत्त्व

कंठ पर तिल का होना सुरीली आवाज़ का सूचक है तथा ऐसा व्यक्ति संगीत में रूचि रखता है।

गले पर और कहीं भी तिल होने वाले व्यक्ति संगीत के शौखिन होते हैं परन्तु उन्हे गले सम्बंधित रोग एवं कुछ व्यक्तियों में दमा जैसे रोग भी पाए गए हैं।

अगर गले के नीचे तिल हो तो ऐसा व्यक्ति गायक होता है। एवं उसकी आवाज़ बहुत सुरीली होती है। ४> गले के पीछे अगर तिल हो तो रीढ़ सम्बंधित रोग होते हैं।

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