bachchon ko hone vaale pramukh rog

बच्चों को होने वाले प्रमुख रोग – घरेलू उपचार – bachchon ko hone vaale pramukh rog – gharelu upchar

  • छोटे बच्चों की पसली चलने पर अफीम को गर्म करके लेप करें अफीम न मिलने पर सूअर की चर्बी भी पिला सकते है।
  • लगभग 1-1 ग्राम गुलबनफसा, गुल नीलोफर, गुलाब के फूल, मकोय, उन्नाव, लिसौड़ा, मुनक्का, 10 ग्राम गुलकन्द और 3 ग्राम अमलतास के गूदे को लगभग 90 मिलीलीटर पानी में मिला लें और उबलने के लिए रख दें। उबलने पर जब पानी आधा रह जाये, तब इसे पानी में ही अच्छी तरह से मलकर छान लें। फिर इसमें मिश्री मिलाकर दिन में 2-4 बार पिलाएं और 10 मिलीलीटर प्याज के रस में 3 ग्राम एलुआ को गर्म करके बच्चे की पसलियों पर लेप करें। इससे बच्चा जल्दी ठीक हो जायेगा।
  • बच्चे के पेट पर एरण्डी का तेल मलकर, उसके ऊपर बकायन की पत्तियां गर्म करके बांधने से `डब्बे का रोग´ (पसली का रोग) दूर हो जाता है।

कान का दर्द

  • लगभग 3-3 ग्राम फिटकरी, सेंधानमक और मिश्री को उबाले हुए पानी में मिलाकर शीशी में भर लें। इस रस को गर्मी की वजह से आई हुई आंख में डालने से बहुत लाभ होता है। यह रस आंखों का लालपन भी दूर कर देता है।
  • अफीम, भुनी हुई हल्दी, भुना हुआ सुहागा को उबाले हुए पानी में मिलाकर घोल बना लें। इस घोल की 4 बूंद आंखों में डालने से सर्दी में आई हुई आंख का दर्द, आंखों का सूजना और लाल होना दूर हो जाता है।
  • यदि बच्चे की आंख दुखती हो तो रसौत को घिसकर लेप करें तथा इसके काजल का प्रयोग करें।

आंखों का फूला : लगभग 1 ग्राम भुनी हुई फिटकरी, 1 ग्राम भुना हुआ सुहागा, 1 ग्राम तूतिया, 1 ग्राम कचिया और 10 ग्राम मिश्री को एक साथ अच्छी तरह से पीसकर शीशी में भरकर रख लें। इस चूर्ण को थोड़ी सी मात्रा में लेकर सलाई से आंखों में लगाने से आंखों का माड़ा-फूली और आंखों से धुंधला दिखाई देना दूर हो जाता है।
बच्चों के दस्त :

  • लगभग 6 ग्राम एलुवा, 6 ग्राम उसारी रेवन्द, 2 ग्राम हींग को भूनकर पानी के साथ पीसकर मूंग के बराबर की छोटी-छोटी गोली बनाकर रख लें। इस एक गोली को मां के दूध में मिलाकर पिलाने से बच्चे के पेट में जमा हुआ दूध दस्त के साथ बाहर निकल जायेगा।
  • लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग भुना हुआ सोहागा और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग उसारा रेवन्द को दूध के साथ पिलाने से दस्त साफ हो जाते हैं।

बच्चों के फोड़े :

  • दिन में तीन बार बच्चे को एक-एक उंगली शहद चटाएं। इससे बच्चों की पाचनशक्ति ठीक हो जाती है।
  • आधा ग्राम भुना हुआ सुहागा मां के दूध में मिलाकर सुबह पिलाएं। इससे बच्चों का पेट फूलना ठीक हो जायेगा।
  • लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग भुनी हुई हींग मां के दूध में मिलाकर दें। इससे पेट दर्द ठीक हो जायेगा।
  • सेंधानमक, सोंठ, हींग तथा भारंगी इन सबको मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को घी के साथ बच्चों को खिलाने से `अफारा´ और `बादी´ का दर्द दूर होता है।
  • बदहजमी होने पर कभी-कभी रात को बच्चे उठकर रोने लगते हैं। इसके लिए बच्चे को शहद चटायें तथा सौंफ और पोदीना मिलाकर पिलाएं।

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