yakrit ke rogo ki saral chikitsa

यकृत के रोगों की सरल चिकित्सा – घरेलू उपचार – yakrit ke rogo ki saral chikitsa – gharelu upchar

yakrit-ke-rogo-ki-saral-chikitsa

गले में खराश मूल रूप से तब होती है जब गले की नाजुक अंदरूनी परत वायरस/ बैक्टीरिया से संक्रमित होती है, जिसके परिणामस्वरूप सूजन, स्राव खांसी और शरीर के सामान्य संक्रमण के प्रभाव के लक्षण होते हैं। इस दौरान रूखा भोजन, सुपारी, खटाई, मछली, उड़द इन चीजों से परहेज करें। आइये जानते हैं गले की खराश दूर करने के घरेलू नुस्‍खे।

1. हर 2 घंटे गर्म पानी में नमक डालकार गरारा करें क्योंकि गर्म पानी और नमक एंटीसेप्टिक होने के नाते संक्रमण को कम करने में मदद करता है।
2. भोजन के बाद चुटकी भर काली मिर्च को एक चम्मच घी में मिलाकर खाने से बैठा हुआ गला और रुकी हुई आवाज साफ हो जाती है।
3. 1 कप पानी में 4-5 कालीमिर्च एवं तुलसी की 5 पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इसे धीरे-धीरे चुसकी लेकर पिएं।
4. प्‍यास लगने पर केवल गुनगुना पानी ही पियें। READ: क्‍या है गरम पानी पीने का फायदा?
5. कालीमिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो सकते हैं।
6. अदरक की चाय भी गले की खराश में बहुत लाभदायक है। 7. दूध में थोड़ी सी हल्दी डालकर इसे उबाल लें और बिस्तर पर जाने से पहले इसे पीएं।

यकृत के रोगों की सरल चिकित्सा – yakrit ke rogo ki saral chikitsa – घरेलू उपचार – gharelu upchar

Tags: , , , , , , , ,

Leave a Comment

Scroll to Top