phimosis

फाइमोसिस – गुप्त रोग ज्ञान – phimosis – gupt rog gyan

फाइमोसिस रोग पुरुषों के लिए एक खतरनाक समस्या है। अगर यह रोग किसी पुरुष को हो जाए तो वह किसी भी स्त्री के साथ संभोग नहीं कर सकता है। यह रोग होने पर पुरुष के लिंग की सुपारी (आगे का हिस्सा) की ऊपर की चमड़ी सिकुड़कर बहुत ही छोटी हो जाती है जिसके कारण शिश्न मुंड बाहर नहीं निकल पाता है।संभोग करते समय शिश्न मुंड (लिंग का अग्र भाग) की खाल को ऊपर की तरफ खींचना बहुत ही आवश्यक है। अगर कोई पुरुष अपने शिश्न (लिंग) को स्त्री की योनि में जबरदस्ती ड़ालने का प्रयत्न करता है तो योनि की खाल छिल (फट) सकती है और उस जगह से रक्त भी निकलने लगता है। वह पुरुष घाव व दर्द के कारण संभोग क्रिया नहीं कर पाता है।
कारणः –
यह रोग (फाइमोसिस) होने के बहुत से कारण है। यह रोग कई पुरुषों को जन्म से भी होता है। कई माताएं अपने बच्चे के लिंग की खाल को ऊपर की तरफ खींच कर अच्छी तरह से सफाई नहीं करती है जिसके कारण शिश्न मुंड के नीचे के भाग में एक परत सी जम जाती है। ऐसी अवस्था में संक्रमण भी हो जाता है और फाइमोसिस रोग की समस्या पैदा हो जाती है।
करता है तो उसकी खाल पर जख्म हो जाता है। जख्म सूखकर खाल को छोटा कर देते हैं जिसके कारण फाइमोसिस रोग की समस्या पैदा हो जाती है। फाइमोसिस में तनाव होने पर भी शिश्न में पूर्ण रूप से खून का संचय नहीं हो पाता है, क्योंकि इस कि वजह से शिश्न में दर्द होने लगता है।
फाइमोसिस को ठीक करने को लिए कुछ महत्वपूर्ण उपायः –

  • फाइमोसिस की परेशानी होने पर शिश्न मुंड की खाल को जबरदस्ती पीछे की तरफ खींचकर नहीं निकालना चाहिए। इससे पैराफाइसिस जैसे रोग पैदा हो जाते हैं। जिसकी वजह से लिंग के अग्र भाग पर खून का प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाता है और वह अधिक मोटा हो जाता है। अगर ऐसी अवस्था में शीघ्र ही चिकित्सा न करवाई जाए तो शिश्न में बदबू उत्पन्न हो जाती है।
  • फाइमोसिस की समस्या पैदा होने पर शीघ्र ही सेक्स विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए और उनसे इसके बारे में सही परामर्श लेना चाहिए।
  • इस रोग का सही तरीके से इलाज आपरेशन ही है जिसे सरकमसिजन कहते हैं। इस आपरेशन में लिंग के अग्र भाग (शिश्न मुंड) की खाल को सुन्न करके उसे काटकर बाहर निकाल दिया जाता है तथा कुछ दिनों पश्चात जख्म सूख जाता है और एक-दो महिनों के पश्चात ही पुरुष आरामपूर्वक सेक्स क्रिया करने के काबिल हो जाता है।
  • मनुष्यों को अपने लिंग की साफ-सफाई पर भी ध्यान देना भी अति आवश्यक है। लिंग के अग्र भाग (शिश्न मुंड) की खाल के भीतर एक सफेद रंग की बदबूदार परत चढ़ती चली जाती है। जिसकी सफाई रोजाना सही तरीके से न होने पर खाल (त्वचा) में संक्रमण फैल जाता है और फाइमोसिस की समस्या पैदा हो जाती है।
  • पुरुष को हर समय पेशाब करने जाने के बाद शिश्न मुंड की खाल को ऊपर की तरफ खींचकर पानी से बहुत ही अच्छी तरह से साफ करना चाहिए तथा हर समय नहाते वक्त लिंग के अग्र भाग (शिश्न मुंड) की खाल को ऊपर करते हुए साबुन से अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।

फाइमोसिस – phimosis – गुप्त रोग ज्ञान – gupt rog gyan

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