svapnadosh ke rogee ke lie kuchh niyam

स्वप्नदोष के रोगी के लिए कुछ नियम – गुप्त रोग ज्ञान – svapnadosh ke rogee ke lie kuchh niyam – gupt rog gyan

हस्तमैथुन की आदत से पीड़ित व्यक्ति जब इस जघन्य काम को छोड़ देता है तो नाड़ियों की दुर्बलता व शक्तिहीनता तथा कामांगों के अत्यधिक क्षुब्ध होने के कारण उसे अस्वाभाविक रूप से स्वप्नदोष होने लगता है। फिर स्वप्नदोष एक रोग बन जाता है। जब किसी व्यक्ति को महीने में 8-10 बार स्वप्नदोष होता हो और वह शरीर से दुर्बल और क्षीण होता जाये तथा नाड़ियां धीरे-धीरे निर्बल होती जायें तो समझ लेना चाहि कि स्वप्नदोष उसके लिये रोल बन गया है। ऐसे रोगी को चिकित्सा के साथ-साथ निम्नलिखित नियमों का भी पालन करना चाहिये।

1) रात्रि भोजन शाम को ही कर लेना चाहिए।
2) रात को जल्दी सोना चाहिए और प्रातः जल्दी उठ जाना चाहिये।
3) रात को ताम्रपात्र में जलभर कर रखना चाहिये और सवेरे उठकर उस जल को अपनी शक्ति के अनुसार पीना चाहिये।
4) मल-मूत्र के वेग को कभी नहीं रोकना चाहिये। मल-मूत्र जोर लगाकर कर नहीं त्यागना चाहिये।
5) रात को लंगोट बांधकर सोना लाभप्रद है।
6) रात को सोते समय हाथ-पैर और मुंह शीतल जल से धोयें।
7) स्नान और शौच में उष्ण जल का प्रयोग न करें।
8) कब्ज न होने दें।
9) लिंगेन्द्रिय को हमेशा साफ रखें। लिंगेन्द्रिय को बार-बार छूने और मसलने की आदत को छोड़ दें।
10) प्रतिदिन प्राणायाम व्यायाम करना चाहिये और सवेरे शुध्द खुली हवा में टहलना चाहिये।
11) स्नान प्रतिदिन करना चाहिये।
12) कामोत्तेजक पदार्थों के सेवन को सर्वथा त्याग देना चाहिये।
13) अति मैथुन और हास्य विलास आदि कामोत्तेजक वातावरण से दूर रहना चाहिये।
14) दिन में सोना और रात को जागना हानिकारक है।
15) कुविचारों को मन में स्थान नहीं देना चाहिये। अपने आप को किसी कार्य में व्यस्त रखना चाहिये।
पथ्य : गेहूं, जौ, चना, मूंग की दाल, अरहर की दाल, पुराने चावल, पालक, गाजर, परवल, शलजम, मूली, बथुआ, लौकी, तोरी, करेला, पका आम, तरबूज, खरबूजा, जामुन, फालसा, खिरनी, मीठा अनार, अंगूर, सेब, नाशपति संतरा, लीची, केला, शहतूत, लुकाट, शरीफा, सिघाड़ा, पिंड खजूर, नारियल, बादाम, अंजीर, मुनक्का, पेठा, दूध, घी, मलाई, रबड़ी इत्यादि।
अपथ्य : लाल मिर्च, तेल, खटाई, गरम, चीजें, गरिष्ठ पदार्थ, आलू, टमाटर, टिन्डा, अरबी, कचालू, मैदे से बने पदार्थ, गुड़, नशीले पदार्थ, मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज, अंडा, गरम मसाले, अचार, सिरका, दही, रायता, चाय, काफरी आदि।

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