जिस पुरुष के पेट में एक वलि हो, वह व्यक्ति शात्रों में परांगत माना जाता है। दो वलि वाला मनुष्य स्त्री का भोग करने वाला होता है, तीन वलि वाला पुरूष आचार्य होता है, चार वलि वाला व्यक्ति अधिक पुत्रों वाला होता है तथा वलि रहित पुरूष राजा के समान सुख भोगने वाला होता है।